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अब भगवान भरोसे है, भिवंडी की जनता

मुंबई: कोरोना की इस महामारी से आज पूरा भारत ग्रस्त है, वहीं ठाणे से सटी पावरलूम नगरी भिवंडी में कोरोना का कहर बीते कुछ दिनों में अपने चरम पर है।

गौरतलब है कि, लाखों की भीड़ वाले इस शहर में केवल एक ही 100 बेड का कोविड-19 अस्पताल है, और उसमें भी भ्रष्टाचार ने अपनी जगह बना रखी है, जिसके चलते कभी  वेंटिलेटर, बेड, अन्य कोरोना से लड़ने के सहायक वाली चीजों में कमी और हद तो तब हुई जब सुनने में आया इस अस्पताल में ठीक तरह से डॉक्टरों की टीम तक उपलब्ध नहीं है। 

वहीं इस लापरवाही के चलते भिवंडी पश्चिम के आमदार महेश चौगुले ने मनपा कोरोना मुख्य अधिकारी डॉ. जयवंत धुले पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उनके राजीनामे की मांग की। The Prevalent India से खास बातचीत के दौरान आमदार चौगुले ने यह आरोप लगाए की धुले की देख रेख में ही भिवंडी के कोरोना अस्पताल में भ्रष्टाचार का गोरखधंधा चल रहा है।

भिवंडी मनपा पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा की जयवंत धुले के खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत पेश करने के बावजूद मनपा उन पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं कर रही है

आमदार चौगुले के मुताबिक डॉक्टर धुले मरीजों की टेस्ट रिपोर्ट में हेरा फेरी करना, क्वारांटाइन करने के और बिना ठीक हुए अस्पताल से डिस्चार्ज करने के लिए पैसे ले रहे है। ऐसे में भिवंडी वासियों में यह चिंता बढ़ती जा रही है किआखिर वह विश्वास किस पर करे ?

सरकार से आए हुए कोरोना फंड के बारे में जब हमने आमदर चौगुले से पूछा तो उन्होंने कहा की केंद्र सरकार से मिले हुए फंड के अतिरिक्त भी भिवंडी के लिए राज्य सरकार से कोई फंड नहीं आया। उन्होंने अपने आमदर फंड से 30 लाख रुपए मनपा को कोरोना से इस लड़ाई के लिए दे दिए इसके अतिरिक्त 1.5 करोड़ रुपयों फंड का भी इंतजाम करके दिया।

भिवंडी के सरकारी कोरोना अस्पताल में केवल 100 बेड और 4 वेंटिलेटर है, जो कि अभी बंद पड़े है। तथा S.S और Ved जैसे प्राइवेट अस्पतालों मे लूट अलग ही मची पड़ी है, सरकार के निर्देश अनुसार कोविड-19 की जांच ₹4500 ही लिए जाने चाहिए।

इन गंभीर मामलों में अस्पतालों पर मनपा ने अबतक कार्यवाही क्यों नहीं की है?

सरकारी अस्पताल की हालत यह है कि मरीजों को खुद के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम करना पड़ रहा है तो इस पर मनपा कुछ सफाई क्यों नहीं दे रही? ऐसे कई सवाल आमदार चौगुले द्वारा उठाए गए है।

बता दें अपनी पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर इंदिरा गांधी मेमोरियल अस्पताल के एक डॉक्टर ने हमें यह बताया की अस्पताल की हालत बहुत ही बत्तर है, सभी मानसिक रूप से प्रताड़ित है तथा एक डॉक्टर ने इसके चलते इस्तीफा दे दिया।

हाल ही में वायरल हुए अस्पताल के एक वीडियो के बारे में जब हमने वह डॉक्टर से पूछा तो उन्होंने कहा कि मनपा की तरफ से जो बायोडिग्रेडेबल कचरा जमा करने के लिए गाड़ी आती थी2, वह 5 से 6 दिन से आई ही नहीं एवं जो एंबुलेंस वाले मरीजों को लेकर आते हैं वह अपना PPE किट अस्पताल के बाहर फेंक देते हैं। 

हमने यह सारे आरोपों के बारे मै कोरोना मुख्य अधिकारी डॉ जयंत धुले एवं पूर्व आयुक्त प्रवीण अष्टिकर संपर्क साधने की बारबार कोशिश की परंतु उनके तरफ से किसी भी प्रकार का जवाब नही प्राप्त मिल पारहा है।

अब देखना ये है कि क्या भिवंडी वासियों के लिए आशा की किरण बनकर आए नए आयुक्त डॉ पंकज असिया सरकारी अस्पताल में चल रहे भ्रष्टाचार पर कोई ठोस कदम उठाते हैं।

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