ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में 708% की वृद्धि : RBI रिपोर्ट
पिछले दो वित्तीय वर्षों में ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो वर्षों में ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों की संख्या में 708% की वृद्धि हुई है। बैंकिंग क्षेत्र में धोखाधड़ी के मामलों की संख्या लगभग 300% बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में 36,075 मामले हो गई है।
हालांकि, धोखाधड़ी के मामलों की संख्या में वृद्धि के बावजूद, धोखाधड़ी में शामिल राशि वित्त वर्ष 24 में घटकर ₹13,930 करोड़ रह गई, जो वित्त वर्ष 22 में ₹45,358 करोड़ थी। आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024 में दर्ज किए गए धोखाधड़ी के 67% मामले निजी क्षेत्र के बैंकों से थे, जबकि कुल धोखाधड़ी राशि का 75% सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा रिपोर्ट किया गया था। वित्त वर्ष 2024 में निजी ऋणदाताओं द्वारा रिपोर्ट की गई धोखाधड़ी राशि का प्रतिशत 22.8% था।
धोखाधड़ी की राशि में गिरावट
धोखाधड़ी के मामलों की संख्या बढ़ने के बावजूद, धोखाधड़ी में शामिल कुल राशि घटकर ₹13,930 करोड़ रह गई है, जो वित्त वर्ष 2021-22 में ₹45,358 करोड़ थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि, 67% धोखाधड़ी के मामले निजी बैंकों से जुड़े थे, जबकि कुल धोखाधड़ी राशि का 75% सार्वजनिक बैंकों से आया।
बढ़े ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले
ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में 708% की वृद्धि हुई है और यह संख्या अब 29,082 हो गई है। इंटरनेट बैंकिंग और कार्ड के जरिए धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ी हैं। दो वर्षों में, ऑनलाइन धोखाधड़ी के जरिए ठगी गई राशि 145% बढ़कर ₹1,457 करोड़ हो गई है।
ऋण धोखाधड़ी में सबसे ज्यादा राशि
हालांकि ऑनलाइन और कार्ड धोखाधड़ी के मामलों की संख्या ज्यादा है, लेकिन धोखाधड़ी की कुल राशि का अधिकांश हिस्सा ऋण धोखाधड़ी से आया है। सार्वजनिक बैंकों ने इस श्रेणी में निजी बैंकों से ज्यादा धोखाधड़ी की सूचना दी। वित्त वर्ष 2023-24 में रिपोर्ट की गई कुल धोखाधड़ी राशि का 84% ऋण धोखाधड़ी से था।
धोखाधड़ी के मामलों का पता लगाने में काफी समय लगता है, जो एक बड़ी समस्या है। वित्त वर्ष 2023 और 2024 के दौरान धोखाधड़ी की घटना की तारीख और उसके पता चलने के बीच काफी अंतर पाया गया।
निष्कर्ष
निजी बैंकों ने सबसे ज्यादा धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए, जबकि सार्वजनिक बैंकों ने धोखाधड़ी की राशि में सबसे ज्यादा योगदान दिया। रिपोर्ट बताती है कि धोखाधड़ी के मामले संख्या में ज्यादा डिजिटल भुगतान (कार्ड/इंटरनेट) में हैं और राशि में ज्यादा ऋण धोखाधड़ी में हैं।