रेलवे ट्रैक पर छाते के नीचे सो रहा था शख्स, लोको पायलट ने बचाई जान

भारतीय रेलवे नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक है। लाखों यात्री और मालगाड़ियां रोजाना अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं, लेकिन कभी-कभी कुछ लोगों की लापरवाही से लोको पायलटों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा एक वीडियो इसी तरह की मूर्खता की ओर इशारा करता है, जहां एक शख्स ने अपनी जान को खतरे में डालकर रेलवे ट्रैक पर आराम फरमाया।
बीच पटरी पर छाता डालकर सोया शख्स
वीडियो में देखा जा सकता है कि एक शख्स रेलवे ट्रैक के बीचों-बीच छाता लगाकर आराम से सो रहा है। यह घटना प्रयागराज की है, जहां एक मालगाड़ी प्रयागराज की ओर जा रही थी। लोको पायलट की नजर जब ट्रैक पर पड़ी तो वह हैरान रह गए। शख्स ने न केवल रेलवे ट्रैक पर सोने का जोखिम उठाया था, बल्कि उसने अपनी सिर भी लोहे के रेल पर रखा हुआ था, जैसे वह इसे तकिए की तरह इस्तेमाल कर रहा हो।
सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि शख्स इतनी गहरी नींद में था कि ट्रेन के तेज हॉर्न की आवाज़ भी उसे जगाने में नाकाम रही। उसकी जान को बड़ा खतरा था, लेकिन उसकी किस्मत अच्छी रही कि लोको पायलट ने समय रहते उसे देख लिया।
लोको पायलट ने ट्रेन रोककर बचाई जान
जब बार-बार हॉर्न देने के बावजूद भी शख्स नहीं जागा, तो लोको पायलट ने ट्रेन के बीच पटरी पर ही ब्रेक लगा दिए। इसके बाद पायलट ट्रेन से उतरे और शख्स को जाकर जगाया। शख्स अपनी छतरी ताने, जैसे किसी आरामगाह में हो, चैन की नींद सो रहा था। अगर पायलट की नजर उस पर समय पर नहीं पड़ती, तो एक बड़ा हादसा हो सकता था।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही हजारों बार देखा जा चुका है। @gharkekalesh नाम के एक एक्स अकाउंट से इस वीडियो को शेयर किया गया, जिस पर यूजर्स ने तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दी हैं। एक यूजर ने मजाक में लिखा, “चाचा को खतरों के खिलाड़ी में भेजो, पक्का विनर बनकर लौटेंगे।” वहीं, कुछ यूजर्स ने इसे मानसिक स्वास्थ्य से जोड़ते हुए कहा कि हो सकता है शख्स मानसिक रूप से विकृत हो।
एक और यूजर ने व्यंग्यात्मक रूप से लिखा, “अब समझ में आया कि ट्रेनें क्यों लेट होती हैं।”
ट्रेनें लेट होने के कारणों में नया अध्याय
यह घटना केवल एक व्यक्ति की मूर्खता नहीं बल्कि भारतीय रेलवे के सामने पेश आने वाली एक और समस्या को उजागर करती है। ऐसे गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार से न केवल शख्स की जान खतरे में पड़ती है, बल्कि ट्रेनों की समय-सारणी भी प्रभावित होती है।
निष्कर्ष
रेलवे ट्रैक पर ऐसी लापरवाही न केवल शख्स की जान को खतरे में डालती है, बल्कि लोको पायलट और अन्य यात्रियों के लिए भी बड़ी मुश्किलें खड़ी कर सकती है। यह घटना हमें सिखाती है कि रेलवे ट्रैक पर किसी भी प्रकार का असावधानीपूर्ण आचरण जानलेवा हो सकता है, और हमें ऐसी मूर्खतापूर्ण हरकतों से बचना चाहिए।
नवीनतम अपडेट और रोमांचक कहानियों के लिए हमें ट्विटर, गूगल न्यूज और इंस्टाग्राम पर फॉलो करें और फेसबुक पर हमें लाइक करें।