अमूल की ‘प्रोटीन क्रांति’: कुल्फी से लेकर लस्सी तक, अब हर चीज़ में होगा प्रोटीन!

भारत को “प्रोटीन की कमी वाला देश” कहा जाए तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी। लेकिन अब लगता है कि अमूल इस गंभीर समस्या को हल करने के मिशन पर निकल पड़ा है — और वो भी अपने खास अंदाज़ में!
पिछले कुछ महीनों में अमूल ने एक के बाद एक हाई-प्रोटीन उत्पाद बाजार में लॉन्च किए हैं। प्रोटीन लस्सी, हाई प्रोटीन कूल कॉफी जैसे विकल्पों के बाद अब उन्होंने लॉन्च कर दिया है कुछ ऐसा जिसकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी — हाई प्रोटीन कुल्फी!
जब कुल्फी में मिला प्रोटीन — और सोशल मीडिया पर मच गया हंगामा!
26 अप्रैल को जब अमूल ने हाई प्रोटीन कुल्फी लॉन्च की, तो इंटरनेट पर मीम्स और चुटकुलों की बाढ़ आ गई। कुछ लोगों ने खुशी जताई कि अब मीठे खाने के साथ-साथ प्रोटीन भी मिलेगा, तो कुछ ने मजेदार सुझाव देना शुरू कर दिया।
एक X (ट्विटर) यूज़र ने लिखा –
“अमूल भारत को फिट, दुबला और ताकतवर बना रहा है — 10 ग्राम के हिसाब से!”
दूसरे यूज़र ने लिखा –
“अब अमूल को हाई-प्रोटीन सिगरेट भी लॉन्च कर देनी चाहिए, सिर्फ वही ऐसा कर सकता है!”
वहीं किसी ने हाई-प्रोटीन वड़ा पाव, प्रोटीन वाली व्हिस्की, यहां तक कि बालों के लिए प्रोटीन सिरम तक की मांग कर डाली!
AI मीम्स ने किया सोशल मीडिया पर धमाल
AI का इस्तेमाल करते हुए यूज़र्स ने सामोसे से लेकर सिगरेट और हेयर सीरम तक को हाई-प्रोटीन रूप में कल्पित कर डाला। एक मीम में Breaking Bad के सीन का इस्तेमाल करते हुए दिखाया गया कि —
“अमूल हर चीज़ में प्रोटीन डाल रहा है!”
पर मज़ाक के पीछे छुपी है एक गंभीर सच्चाई
मजाक एक तरफ, लेकिन भारत में प्रोटीन की कमी एक गंभीर समस्या है।
IMRB द्वारा किए गए ‘प्रोटीन कंज़म्प्शन इन डाइट ऑफ़ अडल्ट इंडियंस (PRODIGY)’ सर्वे के अनुसार:
- 73% शहरी भारतीयों की डाइट में पर्याप्त प्रोटीन नहीं होता।
- 10 में से 9 भारतीय रोजाना की जरूरत के मुताबिक प्रोटीन नहीं लेते।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार, हर व्यक्ति को अपने वजन के प्रति किलो पर कम से कम 0.8 ग्राम से 1.0 ग्राम तक प्रोटीन लेना चाहिए।
जबकि औसतन भारतीय सिर्फ 0.6 ग्राम प्रति किलो ही प्रोटीन लेता है।
कारण क्या हैं?
- आर्थिक बाधाएं
- पारंपरिक शाकाहारी भोजन
- प्रोटीन के प्रति जागरूकता की कमी
ये सभी कारण भारत में प्रोटीन की खपत को सीमित कर देते हैं।
अमूल का मिशन: ‘स्वस्थ भारत, प्रोटीन युक्त भारत’
चाहे मीम्स बनें या बहस हो — अमूल ने कम कीमत, आसानी से उपलब्धता, और लोकप्रिय फॉर्मेट्स के ज़रिए आम आदमी तक प्रोटीन पहुँचाने का जो तरीका अपनाया है, वो सराहनीय है।
अब देखना यह है कि क्या बाकी फूड ब्रांड्स भी इस ‘प्रोटीन क्रांति’ में अमूल का साथ देंगे?
नवीनतम अपडेट और रोमांचक कहानियों के लिए हमें ट्विटर, गूगल न्यूज और इंस्टाग्राम पर फॉलो करें और फेसबुक पर हमें लाइक करें।