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दिल्ली विधानसभा चुनाव कालकाजी सीट पर आतिशी बनाम अलका लांबा, कांग्रेस ने खेला बड़ा दांव

दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार कालकाजी सीट पर जबरदस्त मुकाबला देखने को मिलेगा। मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) की उम्मीदवार आतिशी के सामने कांग्रेस ने महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा को मैदान में उतारकर बड़ा दांव खेला है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेतृत्व के समझाने के बाद अलका लांबा ने चुनाव लड़ने के लिए सहमति दी है।

अलका लांबा की उम्मीदवारी पर मुहर
पिछले हफ्ते कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति ने कालकाजी सीट से अलका लांबा के नाम पर मुहर लगाई थी। हालांकि, शुरुआती तौर पर अलका लांबा चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं थीं। इस वजह से कांग्रेस की दूसरी सूची में कालकाजी सीट का नाम शामिल नहीं किया गया था।

लेकिन बीते दिनों कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने खुद अलका लांबा से बातचीत कर उन्हें चुनाव लड़ने के लिए मनाया। इसके बाद, उन्होंने पार्टी के फैसले को स्वीकार कर लिया। अब संभावना है कि कांग्रेस 3 जनवरी को दिल्ली की बाकी 23 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा करेगी।

कालकाजी से अलका लांबा की नई चुनौती
अलका लांबा पहले चांदनी चौक से आम आदमी पार्टी की विधायक रह चुकी हैं। 2020 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चांदनी चौक से चुनाव लड़ा था। इस बार भी वे चांदनी चौक सीट से अपना दावा कर रही थीं, लेकिन कांग्रेस ने वहां से मुदित अग्रवाल को उम्मीदवार बनाया। इसके बाद, पार्टी ने अलका लांबा को कालकाजी सीट से आतिशी के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया।

महिला उम्मीदवारों की टक्कर से बढ़ा रोमांच
कांग्रेस ने अपने सबसे बड़े महिला चेहरे को मुख्यमंत्री और AAP की स्टार प्रचारक आतिशी के सामने खड़ा करके चुनाव को रोमांचक बना दिया है। यह मुकाबला न केवल राजनीतिक दलों की रणनीतियों को उजागर करेगा, बल्कि यह भी तय करेगा कि दिल्ली में महिलाओं का समर्थन किसके पक्ष में रहेगा।

केजरीवाल और सिसोदिया के खिलाफ भी कांग्रेस का मास्टरस्ट्रोक
कालकाजी सीट के अलावा, कांग्रेस ने नई दिल्ली सीट पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ संदीप दीक्षित को उतारकर बड़ा मास्टरस्ट्रोक खेला है। संदीप दीक्षित दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे हैं और कांग्रेस के मजबूत चेहरों में से एक माने जाते हैं।

इसी तरह, जंगपुरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ फरहाद सूरी को मैदान में उतारा है। कांग्रेस की यह रणनीति AAP को सीधे चुनौती देने और भाजपा के अलावा खुद को मुख्य विपक्ष के रूप में स्थापित करने की ओर इशारा करती है।

महिलाओं पर फोकस से कांग्रेस की नई रणनीति
कांग्रेस ने महिला उम्मीदवारों को प्रमुखता देकर दिल्ली में महिलाओं के वोट बैंक को साधने की कोशिश की है। अलका लांबा को कालकाजी सीट पर उतारने का फैसला इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। इसके साथ ही, AAP की महिला उम्मीदवार आतिशी के खिलाफ अलका लांबा को खड़ा करना यह दर्शाता है कि कांग्रेस ने AAP को कड़ी चुनौती देने के लिए पूरी तैयारी कर ली है।

निष्कर्ष
दिल्ली विधानसभा चुनाव का यह मुकाबला कई मायनों में दिलचस्प होगा। कालकाजी सीट पर आतिशी और अलका लांबा के बीच सीधा मुकाबला न केवल दोनों पार्टियों की रणनीतियों का परीक्षण करेगा, बल्कि यह भी तय करेगा कि दिल्ली के मतदाता किसे समर्थन देते हैं। कांग्रेस ने अपने अनुभवी और लोकप्रिय चेहरों को मैदान में उतारकर इस चुनाव को हाई-वोल्टेज बना दिया है। अब देखना होगा कि जनता इस बार किसे अपना प्रतिनिधि चुनती है।

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