कैलाश गहलोत के राजनीतिक सफर में बड़ा बदलाव: AAP छोड़कर बीजेपी में नई जिम्मेदारी
दिल्ली की राजनीति में हाल ही में बड़ा बदलाव देखने को मिला जब आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत ने पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थामा। अब बीजेपी ने गहलोत को दिल्ली प्रदेश चुनाव संचालन समिति का सदस्य बनाकर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। गहलोत के इस कदम ने दिल्ली की राजनीति में नई हलचल मचा दी है।
चुनाव संचालन समिति में शामिल किए गए कैलाश गहलोत
बीजेपी ने दिल्ली में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए एक चुनाव संचालन समिति बनाई है, जिसमें प्रमुख नेताओं को शामिल किया गया है। यह समिति आगामी चुनावों के लिए रणनीति तैयार करेगी और चुनाव अभियान की निगरानी करेगी। कैलाश गहलोत को इस समिति का हिस्सा बनाना यह दर्शाता है कि बीजेपी उनके राजनीतिक अनुभव और संगठनात्मक कौशल का लाभ उठाना चाहती है।
AAP छोड़ने पर कैलाश गहलोत की सफाई
कैलाश गहलोत ने 17 नवंबर को आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दिया था और अगले ही दिन बीजेपी में शामिल हो गए। उन्होंने इसे अपने जीवन का सबसे कठिन फैसला बताते हुए कहा,
“आम आदमी पार्टी को छोड़ना मेरे लिए आसान नहीं था। अन्ना आंदोलन के दिनों से मैं पार्टी से जुड़ा रहा हूं और दिल्ली के विकास के लिए काम करता आया हूं। कुछ लोग सोचते हैं कि यह फैसला किसी दबाव में लिया गया है, लेकिन यह बिल्कुल गलत है।”
गहलोत ने इस बात को भी खारिज किया कि उनका यह कदम प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई के दबाव में लिया गया। उन्होंने इसे एक वैचारिक निर्णय बताते हुए कहा,
“हम अन्ना आंदोलन के साथ एक विचारधारा के तहत जुड़े थे। हमारा मकसद दिल्ली का विकास करना था, लेकिन अब यह जरूरी हो गया था कि मैं बीजेपी में शामिल होकर नई शुरुआत करूं।”
दिल्ली बीजेपी की नई रणनीति
बीजेपी ने हाल ही में 23 सदस्यों की प्रदेश चुनाव संचालन समिति घोषित की है। इस समिति का मुख्य उद्देश्य दिल्ली में पार्टी की पकड़ मजबूत करना और आगामी चुनावों के लिए प्रभावी रणनीति तैयार करना है। कैलाश गहलोत जैसे अनुभवी नेता को शामिल करना इस बात का संकेत है कि बीजेपी दिल्ली में आम आदमी पार्टी को कड़ी टक्कर देने की तैयारी कर रही है।
कौन हैं कैलाश गहलोत?
कैलाश गहलोत आम आदमी पार्टी के शुरुआती दिनों से जुड़े रहे हैं। उन्होंने अन्ना आंदोलन के दौरान पार्टी के गठन में अहम भूमिका निभाई और दिल्ली के विकास के लिए कई परियोजनाओं का नेतृत्व किया। आम आदमी पार्टी सरकार में वह परिवहन मंत्री के तौर पर भी कार्य कर चुके हैं।
सियासी हलचल और विपक्ष के आरोप
गहलोत के बीजेपी में शामिल होने के बाद विपक्ष ने आरोप लगाया कि यह कदम केंद्रीय एजेंसियों के दबाव में उठाया गया है। हालांकि, गहलोत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और इसे एक वैचारिक बदलाव बताया।
दिल्ली की राजनीति पर प्रभाव
कैलाश गहलोत का बीजेपी में शामिल होना दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव है। इससे न केवल आम आदमी पार्टी को झटका लगा है, बल्कि बीजेपी के लिए भी यह एक अवसर है कि वह गहलोत के अनुभव का उपयोग कर अपनी स्थिति मजबूत कर सके।
निष्कर्ष
कैलाश गहलोत का आम आदमी पार्टी से बीजेपी में आना और उन्हें चुनाव संचालन समिति में अहम जिम्मेदारी मिलना यह दर्शाता है कि दिल्ली की राजनीति में नई परतें खुल रही हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि गहलोत की नई भूमिका बीजेपी के लिए कितना फायदेमंद साबित होती है और आगामी चुनावों में इसका क्या असर पड़ता है।
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