इंटेल में बड़ी छंटनी का ऐलान: जुलाई 2025 से 10,000 से अधिक कर्मचारियों की जाएगी नौकरी, कंपनी इतिहास के सबसे कठिन दौर में

दुनिया की अग्रणी चिप निर्माण कंपनियों में शामिल इंटेल (Intel) ने एक बड़ा और सख्त फैसला लेते हुए जुलाई 2025 से अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में 15 से 20 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी करने का ऐलान किया है। इससे 10,000 से अधिक कर्मचारियों की नौकरियां जा सकती हैं। यह इंटेल के इतिहास की सबसे बड़ी छंटनियों में से एक मानी जा रही है।
फैक्ट्री और रिसर्च टीमें होंगी प्रभावित
यह छंटनी इंटेल की फाउंड्री डिविजन को प्रभावित करेगी, जिसमें कंपनी के 15 फैब प्लांट शामिल हैं। छंटनी का असर फैक्ट्री में काम कर रहे टेक्नीशियन, साथ ही नई चिप डिज़ाइन करने वाली रिसर्च टीमों पर भी पड़ सकता है। यानी यह कदम जमीनी स्तर से लेकर उच्च तकनीकी टीमों तक सभी पर असर डालेगा।
ना स्वैच्छिक रिटायरमेंट, ना बायआउट स्कीम
इस बार इंटेल कोई बायआउट या स्वैच्छिक रिटायरमेंट स्कीम नहीं ला रहा है। कंपनी का कहना है कि जिनका प्रदर्शन कमजोर रहा है, या जिनकी भूमिका अब आवश्यक नहीं रह गई है, उन्हें सीधे नौकरी से हटाया जाएगा। कंपनी ने माना कि यह निर्णय कठिन है, लेकिन वर्तमान आर्थिक चुनौतियों के मद्देनज़र अनिवार्य हो गया है।
नए CEO की आक्रामक रणनीति
मार्च 2025 में पदभार संभालने वाले सीईओ लिप-बू टैन कंपनी में व्यापक बदलाव ला रहे हैं। उनका मानना है कि कम लोगों से ज़्यादा और बेहतर काम लिया जा सकता है। अप्रैल में उन्होंने पूरे इंटेल में 20% कर्मचारियों की कटौती का संकेत दिया था, और अब फाउंड्री डिविजन में इसका व्यवहारिक रूप दिखना शुरू हो गया है।
एक साल में तीसरी बार छंटनी
- अगस्त 2024 में इंटेल ने 15,000 कर्मचारियों की छंटनी की थी।
- 2025 की शुरुआत में 20% और कटौती की योजना सामने आई।
- और अब तीसरी बार फैक्ट्री स्तर पर छंटनी की जा रही है।
यह सारी छंटनियां इंटेल को भारी घाटे से उबारने और उसे दोबारा लाभदायक कंपनी बनाने की रणनीति का हिस्सा हैं।
किन्हें बचाया जाएगा?
तकनीकी टीमों में जिनके पास एडवांस्ड टेक्नोलॉजी, लिथोग्राफी मशीनों और क्रिटिकल रिसर्च का अनुभव है, उन्हें फिलहाल छंटनी से राहत मिल सकती है। लेकिन जिनकी जगह अब ऑटोमेशन और मशीनें ले चुकी हैं या जिनके प्रोजेक्ट बंद हो चुके हैं, उन्हें अपनी नौकरी गंवानी पड़ सकती है।
इतनी बड़ी छंटनी की जरूरत क्यों?
- 2025 की पहली तिमाही में इंटेल को 821 मिलियन डॉलर का घाटा हुआ।
- अमेरिकी सरकार से मिलने वाली 7.9 अरब डॉलर की सब्सिडी फिलहाल अटकी हुई है।
- AI और चिप सेगमेंट में Nvidia जैसी कंपनियों से कड़ी टक्कर मिल रही है।
इसलिए इंटेल के लिए खर्चों में कटौती और तेज़ निर्णय लेना अनिवार्य हो गया है।
क्या इंटेल दोबारा मुनाफे की राह पर लौटेगा?
इंटेल का यह कदम कठोर और करुणाजनक है, लेकिन वित्तीय मजबूरी इसकी मुख्य वजह है। हजारों परिवारों पर इसका सीधा असर पड़ेगा। अब देखना होगा कि क्या यह छंटनी कंपनी को मुनाफे की राह पर वापस ला पाएगी, या इससे इंटेल की हालत और बिगड़ेगी। इसका जवाब आने वाला समय ही देगा।
नवीनतम अपडेट और रोमांचक कहानियों के लिए हमें ट्विटर, गूगल न्यूज और इंस्टाग्राम पर फॉलो करें और फेसबुक पर हमें लाइक करें।