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अडानी समूह रिश्वतखोरी मामले में बीजेडी का इनकार सही नहीं है : ओडिशा सरकार की भूमिका पर सफाई

ओडिशा की पूर्व सत्ताधारी पार्टी बीजू जनता दल (बीजेडी) ने अडानी समूह पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों में अपनी पार्टी और राज्य सरकार की किसी भी भूमिका से साफ इनकार किया है। बीजेडी ने इन आरोपों को पूरी तरह झूठा और निराधार बताया है। यह मामला तब चर्चा में आया जब अमेरिकी न्याय विभाग और यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ने भारत में पावर सौदे हासिल करने के लिए अडानी समूह पर 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने के आरोप लगाए।

बीजेडी ने क्या कहा?
ओडिशा के पूर्व ऊर्जा मंत्री और बीजेडी के विधायक प्रताप केसरी देव ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर राज्य सरकार और पार्टी की ओर से स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा,
“राज्य सरकार का इस समझौते से कोई लेना-देना नहीं है। जो भी पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) हुए, वे केंद्र सरकार के उपक्रम सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SECI) और राज्य सरकार की पीएसयू ग्रिडको व डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के बीच हुए। राज्य सरकार ने इन समझौतों में कोई भूमिका नहीं निभाई।”

बीजेडी ने यह भी स्पष्ट किया कि इन एग्रीमेंट्स में केवल SECI और राज्य की पीएसयू के बीच रीन्यूएबल एनर्जी की खरीद के लिए बातचीत हुई। किसी भी प्राइवेट कंपनी, चाहे वह अडानी ग्रुप हो या कोई अन्य, का इन समझौतों में सीधा हस्तक्षेप नहीं था।

अमेरिकी न्याय विभाग के आरोप
अमेरिकी न्याय विभाग और यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ने आरोप लगाया कि भारत में पावर सौदे हासिल करने के लिए अडानी समूह ने ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, और छत्तीसगढ़ के अधिकारियों को रिश्वत दी।

आरोपों के मुताबिक, अडानी समूह ने महंगी सोलर एनर्जी खरीदने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी। इन आरोपों में अडानी ग्रुप के प्रमुख गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी, और सात अन्य का नाम शामिल है।

अडानी समूह का बयान
अडानी समूह ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि अमेरिकी अभियोजकों द्वारा लगाए गए आरोप आधारहीन हैं। समूह ने बयान जारी कर कहा,
“हम सभी कानूनी और नैतिक नियमों का पालन करते हैं। इन आरोपों का हमारी कंपनी की गतिविधियों से कोई संबंध नहीं है।”

ओडिशा में 500 मेगावॉट एनर्जी खरीद का मामला
बीजेडी ने यह भी बताया कि ओडिशा में 500 मेगावॉट रीन्यूएबल एनर्जी खरीदने का एग्रीमेंट SECI के साथ निचले दर पर हुआ था। इसमें किसी प्राइवेट कंपनी की भागीदारी नहीं थी।
“यह एग्रीमेंट पूरी तरह दो सरकारी उपक्रमों के बीच हुआ। राज्य सरकार को केवल इस सौदे के बारे में सूचित किया गया था, लेकिन इसमें राज्य सरकार की कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं थी।”

आंध्र प्रदेश का नाम भी आया सामने
ओडिशा के अलावा, आंध्र प्रदेश की पूर्व सरकार और मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी पर भी अडानी समूह से रिश्वत लेने के आरोप लगे हैं। बताया जा रहा है कि इन राज्यों में रिश्वत देकर महंगे पावर सौदे हासिल किए गए।

बीजेडी ने आरोपों को बताया राजनीतिक साजिश
बीजेडी ने इन आरोपों को विपक्ष की राजनीतिक साजिश करार देते हुए कहा कि पार्टी और राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए इस तरह के झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।

निष्कर्ष
अडानी समूह पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों ने भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी है। हालांकि, बीजू जनता दल ने ओडिशा सरकार की भूमिका को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इन आरोपों की जांच में आगे क्या निष्कर्ष निकलता है और अडानी समूह पर लगे आरोपों का क्या परिणाम होता है।

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