छत्रपति शिवाजी का बाघ नख 350 वर्ष बाद महाराष्ट्र लौटा: अनावरण समारोह में प्रमुख हस्तियां शामिल

छत्रपति शिवाजी महाराज का ऐतिहासिक बाघ नख 350 वर्षों के बाद आखिरकार महाराष्ट्र वापस लौट आया है। इस बाघ नख को लंदन के विक्टोरिया एंड एल्बर्ट म्यूजियम से तीन साल के लिए लोन पर लाया गया है, और इसे अब सतारा के म्यूजियम में रखा जाएगा। बाघ नख का अनावरण हाल ही में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने किया। इस समारोह में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी मौजूद थे।
1649 में, छत्रपति शिवाजी ने बीजापुर के जनरल अफजल खान से मिलने के लिए एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक के दौरान शिवाजी ने अपने दाएं हाथ में बाघ नख छुपा रखा था, ताकि किसी संभावित विश्वासघात से बचा जा सके। जब दोनों गले मिले, तो अफजल खान ने शिवाजी को चाकू मारने की कोशिश की, लेकिन शिवाजी ने बाघ नख से जवाबी हमला कर अफजल खान को मार डाला। यह घटना प्रतापगढ़ किले में घटित हुई थी, जो कि वर्तमान में सतारा जिले में स्थित है।
सतारा के म्यूजियम में इस बाघ नख को सात महीनों के लिए रखा जाएगा। इस ऐतिहासिक वस्तु का भारत आगमन राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर हुआ है, जिससे इसे विशेष महत्व प्राप्त है।
सीएम एकनाथ शिंदे ने ‘एक्स’ पर बाघ नख के लाए जाने की जानकारी देते हुए लिखा, ”शिव छत्रपति की महिमा के साक्षी टाइगर हॉल का उद्घाटन समारोह आज बड़े हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी उपस्थित रहे।”
अनावरण समारोह में अन्य प्रमुख हस्तियों में शामिल थे: सतारा के संरक्षक मंत्री शंभुराज देसाई, सांस्कृतिक कार्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, सांसद उदयनराजे भोसले, विधायक शिवेंद्रराजे भोसले, विधायक महेश शिंदे, मकरंद पाटिल, जयकुमार गोरे, राजेंद्र राउत, विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय के प्रतिनिधि निकोलस मर्चेंट, पोस्टमास्टर जनरल किशन कुमार शर्मा, प्रमुख सचिव सांस्कृतिक कार्य विभाग विकास खड़गे, सतारा के कलेक्टर जितेंद्र डूडी, जिला परिषद प्रमुख याश्नी नागराजन, पुलिस अधीक्षक समीर शेख और हजारों शिव प्रेमी।
इस समारोह ने छत्रपति शिवाजी महाराज की महानता और उनकी ऐतिहासिक विरासत को मान्यता प्रदान की है।
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