तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में घी विवाद: देशभर में मचा हंगामा, यूपी के मंदिरों पर भी उठे सवाल

आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में घी की शुद्धता को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। प्रसाद में कथित रूप से जानवरों की चर्बी वाले घी का इस्तेमाल होने की बात सामने आने के बाद न केवल आंध्र प्रदेश, बल्कि पूरे देश में इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है। हिंदू संगठनों और संतों ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर दिया है ताकि इस विवाद की गहराई से जांच की जा सके।
तिरुपति बालाजी मंदिर में शुद्धिकरण की प्रक्रिया शुरू
घी में मिलावट की खबर सामने आने के बाद तिरुपति बालाजी मंदिर में शुद्धिकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मंदिर प्रशासन ने बताया कि शुद्धिकरण के इस कार्य को विधिपूर्वक किया जा रहा है ताकि भक्तों का विश्वास बहाल हो सके। हालांकि, इस विवाद ने तिरुपति के बाहर भी अपनी पहुंच बना ली है और अब यह मुद्दा आंध्र प्रदेश से निकलकर उत्तर प्रदेश तक पहुंच गया है।
बांके बिहारी मंदिर के प्रसाद पर भी सवाल
तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद विवाद के बाद यूपी के विश्व प्रसिद्ध वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर के प्रसाद पर भी सवाल उठने लगे हैं। समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने आरोप लगाया है कि वृंदावन के प्रसाद में खराब क्वॉलिटी के खोये का इस्तेमाल किया जा रहा है। बांके बिहारी मंदिर में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं और यहां का प्रसाद, विशेषकर पेड़े, श्रद्धालुओं के बीच अत्यधिक लोकप्रिय हैं। लेकिन मिलावट की खबरें सामने आने के बाद भक्तों के मन में प्रसाद की शुद्धता को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
बीजेपी नेता बृजभूषण सिंह की मांग: पूरे यूपी में घी की जांच हो
प्रसाद में मिलावट के इस विवाद के बीच बीजेपी नेता और पूर्व सांसद बृजभूषण सिंह ने उत्तर प्रदेश के कोने-कोने में मिलने वाले घी की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा है कि केवल मंदिरों के प्रसाद ही नहीं, बल्कि बाजार में बिकने वाले घी की भी जांच होनी चाहिए ताकि मिलावटखोरी पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।
मथुरा-वृंदावन के पेड़ों की गुणवत्ता की जांच शुरू
मथुरा-वृंदावन के प्रसाद को लेकर उठ रहे सवालों को देखते हुए यूपी के फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने प्रसाद के 13 सैंपल इकट्ठा किए हैं। इन सैंपलों की जांच की जा रही है और रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर आने की संभावना है। प्रशासन ने यह कदम मिलावट को लेकर फैले भ्रम को खत्म करने के उद्देश्य से उठाया है। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी ने भी जनता और विपक्षी दलों से अपील की है कि वे गलत जानकारी फैलाने से बचें।
लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में बाहरी प्रसाद पर रोक
आंध्र प्रदेश और यूपी के प्रसाद विवाद के बीच लखनऊ के प्रसिद्ध मनकामेश्वर मंदिर ने अपने गर्भगृह में बाहरी प्रसाद चढ़ाने पर रोक लगा दी है। मंदिर प्रशासन ने परिसर में पोस्टर लगाकर इस निर्णय की जानकारी दी है, जिसमें लिखा है कि बाहरी प्रसाद को चढ़ाना मना है।
सोशल मीडिया पर सिद्धि विनायक मंदिर का वीडियो वायरल
इसी बीच, मुंबई के सिद्धि विनायक मंदिर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें प्रसाद पर चूहे चलते हुए नजर आए। इस वीडियो के बाद श्रद्धालुओं में चिंता बढ़ गई और मंदिर प्रशासन को सफाई व्यवस्था को लेकर सवालों का सामना करना पड़ा।
निष्कर्ष
तिरुपति बालाजी मंदिर से शुरू हुआ प्रसाद विवाद अब देशभर के मंदिरों में पहुंच चुका है। श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्था को देखते हुए प्रशासन इस मामले में सख्त कदम उठा रहा है। सभी संबंधित मंदिरों के प्रसाद की गुणवत्ता की जांच की जा रही है ताकि भक्तों का विश्वास कायम रह सके। इस बीच, प्रशासन और नेताओं ने भी जनता से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और मामले की जांच पूरी होने तक संयम बनाए रखें।
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