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सैमसंग के श्रीपेरंबुदूर प्लांट में हड़ताल पर संकट: 5000 रुपये के इंसेंटिव और नए समझौते से खत्म हो सकती है हड़ताल

सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के चेन्नई के नजदीक स्थित श्रीपेरंबुदूर प्लांट में लगभग एक महीने से चल रही हड़ताल के समाप्त होने की संभावना बढ़ गई है। कंपनी के मैनेजमेंट ने हड़ताल के समाधान के लिए एक विशेष पहल की है। इस पहल के तहत कर्मचारियों को हर महीने 5000 रुपये का विशेष प्रोडक्टिविटी स्टैबिलाइजेशन इंसेंटिव (Productivity Stabilization Incentive) दिया जाएगा, जो अक्टूबर 2024 से मार्च 2025 तक मान्य रहेगा। इसके साथ ही काम की परिस्थितियों में सुधार के लिए भी कई कदम उठाए जाएंगे। हालांकि, इस समझौते में सबसे अहम पहलू यह है कि इसमें हड़ताल का नेतृत्व कर रही सीटू (CITU – सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस) को शामिल नहीं किया गया है।

हर महीने 5000 रुपये का इंसेंटिव
सैमसंग ने सोमवार को घोषणा की कि वर्कमैन कमेटी के साथ एक मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MOU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसके तहत, कंपनी अक्टूबर 2024 से मार्च 2025 तक हर महीने कर्मचारियों को 5000 रुपये का इंसेंटिव देगी। यह इंसेंटिव प्लांट में प्रोडक्टिविटी को स्थिर बनाए रखने के उद्देश्य से दिया जा रहा है। दोनों पक्षों के बीच यह सहमति बनी है कि चेन्नई प्लांट को एक कुशल और बेहतर कार्यस्थल बनाया जाएगा।

कंपनी ने यह भी घोषणा की है कि कर्मचारियों की समस्याओं को हल करने के लिए बातचीत जारी रखी जाएगी। इस दौरान सैलरी वृद्धि और अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी। साथ ही, यदि किसी कर्मचारी की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु होती है, तो सैमसंग उनके परिवार को 1 लाख रुपये की तत्काल राहत प्रदान करेगी। इसके अलावा, वर्तमान में 5 रूट पर चल रही एसी बस सेवा को अगले साल तक सभी 108 रूट पर विस्तारित किया जाएगा।

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सीटू यूनियन समझौते से बाहर
हालांकि, इस समझौते पर एक बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है, क्योंकि इसमें हड़ताल का नेतृत्व कर रही सीटू यूनियन को शामिल नहीं किया गया है। इससे हड़ताल समाप्त होने की सफलता को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। एक दिन पहले, तमिलनाडु सरकार ने हड़ताल को समाप्त करने की जिम्मेदारी लेते हुए अपने तीन मंत्रियों – टीआरबी राजा, टीएम अंबरासन और सीवी गणेशन को इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए नियुक्त किया था। इन मंत्रियों ने सभी पक्षों के साथ बातचीत की थी, लेकिन सीटू की अनदेखी से हड़ताल की समाप्ति की संभावना पर सवाल उठ रहे हैं।

9 सितंबर से जारी है हड़ताल
सैमसंग के श्रीपेरंबुदूर प्लांट में लगभग 1750 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें से करीब 1100 कर्मचारी 9 सितंबर से हड़ताल पर हैं। हड़ताल का प्रमुख मुद्दा सैलरी में इजाफा, काम की बेहतर परिस्थितियाँ और सीटू यूनियन को मान्यता देने की मांग है। हाल ही में हड़ताली कर्मचारियों द्वारा निकाली गई रैली के दौरान लगभग 900 कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया था।

सैमसंग ने हड़ताल को रोकने के लिए अदालत का दरवाजा भी खटखटाया था और कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का नोटिस भी जारी किया गया था। इसके अलावा, हड़ताल के दौरान कंपनी द्वारा हड़ताली कर्मचारियों को चॉकलेट भेजने की जानकारी भी सामने आई थी, जो स्थिति को और तनावपूर्ण बना रही थी।

फेस्टिव सीजन में सैमसंग को झटका
फेस्टिव सीजन के दौरान चल रही इस हड़ताल से सैमसंग को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है। प्रोडक्शन में आई रुकावटों से कंपनी को नुकसान का सामना करना पड़ा है। कंपनी द्वारा किए गए समझौते से उम्मीद की जा रही है कि इससे हड़ताल समाप्त हो सकती है, लेकिन सीटू यूनियन की अनुपस्थिति के कारण यह अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है कि यह समाधान कितने प्रभावी तरीके से लागू होगा।

निष्कर्ष
सैमसंग के श्रीपेरंबुदूर प्लांट में चल रही हड़ताल का समाधान अब नजदीक दिखाई दे रहा है, लेकिन यूनियन को बाहर रखे जाने से स्थिति अभी भी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है। तमिलनाडु सरकार और सैमसंग द्वारा किए गए प्रयासों से उम्मीद की जा रही है कि यह हड़ताल जल्द ही समाप्त हो जाएगी, जिससे कंपनी की प्रोडक्टिविटी को फिर से स्थिरता मिलेगी।

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