मानसून में दही: मिथक और सच्चाई – जानें क्या है सही!

मानसून के मौसम में अक्सर खाने-पीने की चीजों को लेकर कई तरह की सलाहें सुनने को मिल जाती हैं. उन्हीं में से एक है दही। माना जाता है कि ठंडा होने के कारण दही मानसून में खाने के लिए नुकसानदायक होता है और इससे गले में खराश या सर्दी-जुकाम हो सकता है। नतीजतन, कई लोग बरसात के मौसम में दही खाने से परहेज कर लेते हैं।
लेकिन क्या वाकई में दही बरसात के मौसम में खाने के लिए नुकसानदायक है? आइए इन दावों के पीछे के विज्ञान को समझते हैं और जानते हैं कि क्या दही खाना सुरक्षित है या नहीं।
मिथक 1: क्या बरसात के मौसम में दही खाना चाहिए?
सच:
बिल्कुल! बरसात के मौसम में दही खाना न केवल सुरक्षित है बल्कि फायदेमंद भी होता है। दरअसल, दही में पाए जाने वाले प्रोबायोटिक्स हमारे पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में मदद करते हैं, जिससे मानसून के दौरान होने वाली पेट की समस्याओं से बचा जा सकता है। “न्यूट्रिशन रिव्यूज” नामक जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि दही और अन्य किण्वित खाद्य पदार्थ लैक्टोज असहिष्णुता को कम करने में मदद करते हैं।
मिथक 2: मानसून में दही पचाना मुश्किल होता है
सच:
दूध की तुलना में दही में मौजूद प्रोटीन आसानी से पच जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि दही में अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो पाचन क्रिया को सुधारते हैं। “न्यूट्रिएंट्स” नामक जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, पेप्सिन नामक एंजाइम कच्चे दूध की तुलना में दही में मौजूद कैसिइन प्रोटीन को आसानी से पचा सकता है। इसलिए, मानसून में दही का सेवन बिल्कुल सुरक्षित है।
मिथक 3: रात में दही नहीं खाना चाहिए
सच:
दरअसल, रात में या सोने से पहले दही खाना फायदेमंद होता है। दही में ट्रिप्टोफैन नामक तत्व पाया जाता है जो नींद-चक्र को नियमित करने में मदद करता है। “इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ट्रिप्टोफैन रिसर्च” में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, ट्रिप्टोफैन चिंता को कम करने और मस्तिष्क को आराम पहुंचाने में भी सहायक होता है।
मिथक 4: स्तनपान कराने वाली माताओं को दही से बचना चाहिए
सच:
दही में मौजूद सक्रिय बैक्टीरिया पाचन क्रिया को दुरुस्त रखते हैं। साथ ही, दही में पाए जाने वाले प्रोबायोटिक्स कब्ज और दस्त जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करते हैं। इतना ही नहीं, दही खाने से मां या बच्चे को सर्दी-जुकाम होने का भी कोई खतरा नहीं होता है। “द अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन” में प्रकाशित एक अध्ययन पाचन स्वास्थ्य के लिए दही को बहुत फायदेमंद बताता है।
मिथक 5: गर्भावस्था में दही से बचना चाहिए
सच:
गर्भावस्था में महिलाओं को अक्सर पाचन संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में दही उनके लिए बहुत फायदेमंद होता है। दिन में कम से कम एक बार दही खाने से पाचन क्रिया सुचारू रहती है साथ ही, दही में पाए जाने वाले मुख्य जीवाणु लैक्टोबैसिलस एसिडोफिलस छोटी आंत में पाचन क्रिया के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
मिथक 6: दही से मोटापा बढ़ता है
सच:
यह सच है कि दही में वसा होती है, लेकिन इसके साथ ही कैल्शियम, विटामिन डी, पोटेशियम और प्रोटीन जैसे जरूरी पोषक तत्व भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। साथ ही, दही शरीर में कैल्शियम के बेहतर अवशोषण में भी मदद करता है। संतुलित मात्रा में दही खाने से वजन बढ़ने का कोई खतरा नहीं होता है।
निष्कर्ष:
दही एक स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन है, जिसे पूरे साल किसी भी मौसम में खाया जा सकता है। दही न केवल सेहत के लिए फायदेमंद होता है। बल्कि पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में भी मदद करता है। तो अगली बार जब भी मानसून आए, तो बेझिझक दही का सेवन करें और इसके फायदों का लुत्फ उठाएं!
अस्वीकरण:
यह जानकारी केवल सामान्य ज्ञान प्रदान करती है और किसी भी तरह से योग्य चिकित्सक की सलाह का विकल्प नहीं है। किसी भी तरह के चिकित्सीय सवालों के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से सलाह लें ।
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