कानपुर में साइबर ठगी: SGST के डिप्टी कमिश्नर से 7.37 लाख रुपये की ठगी

देशभर में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जालसाज नए-नए तरीकों से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं और उनकी मेहनत की कमाई लूट रहे हैं। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर से सामने आया है, जहां साइबर अपराधियों ने स्टेट जीएसटी (SGST) के डिप्टी कमिश्नर को निशाना बनाकर 7 लाख 37 हजार रुपये की ठगी कर ली। इस घटना के बाद पीड़ित अधिकारी ने साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है, और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
ई-सिम के नाम पर साइबर ठगी
कानपुर में तैनात SGST विभाग के डिप्टी कमिश्नर राजकुमार ने अपने मोबाइल में नई तकनीक का उपयोग करने का फैसला किया। वह अपने सिम कार्ड को ई-सिम में बदलना चाहते थे, जो एक डिजिटल सिम होता है और जिसे किसी भौतिक सिम कार्ड की आवश्यकता नहीं होती। ई-सिम को सॉफ्टवेयर के जरिए मोबाइल में डाउनलोड किया जाता है, जिससे यह अन्य ऐप्स की तरह काम करता है। इसी नई तकनीक को साइबर अपराधियों ने अपने ठगी का हथियार बना लिया और डिप्टी कमिश्नर को अपने जाल में फंसा लिया।
OTP शेयर करते ही फोन हुआ हैक
डिप्टी कमिश्नर राजकुमार ने अपने जियो सिम को ई-सिम में बदलने के लिए कंपनी के कस्टमर केयर से संपर्क किया था। लेकिन कुछ समय बाद उनके मोबाइल पर जियो कंपनी के नाम से ट्रू कॉलर पर दिखने वाली एक कॉल आई। फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद को जियो कंपनी का अधिकारी बताया और ई-सिम एक्टिवेशन के लिए OTP मांगा।
राजकुमार ने कॉलर को कंपनी का प्रतिनिधि समझकर OTP शेयर कर दिया। इसके बाद उनका फोन पूरी तरह से हैक हो गया और अचानक स्विच ऑफ हो गया। इस अनहोनी से उन्हें शक हुआ और वे तुरंत बैंक पहुंचे।
बैंक पहुंचने पर हुआ ठगी का खुलासा
जब डिप्टी कमिश्नर राजकुमार बैंक पहुंचे और अपनी बैंक डिटेल्स चेक कीं, तो उनके तीन अलग-अलग बैंक खातों से कुल 7 लाख 37 हजार रुपये की ठगी का खुलासा हुआ। यह देख उनके होश उड़ गए और उन्होंने तुरंत साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस जांच में जुटी
एसजीएसटी के डिप्टी कमिश्नर की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। एडीसीपी अंजलि विश्वकर्मा ने बताया कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी गई है। जिस अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए गए थे, उन्हें फ्रीज कर दिया गया है, ताकि ठग आगे पैसे न निकाल सकें। पुलिस जल्द ही आरोपियों को पकड़ने का प्रयास कर रही है।
साइबर ठगी से बचने के उपाय
इस घटना से यह साफ होता है कि साइबर अपराधी अब नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल कर लोगों को निशाना बना रहे हैं। ऐसे में साइबर ठगी से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतनी जरूरी हैं:
- OTP या पर्सनल जानकारी किसी के साथ साझा न करें – बैंक या टेलीकॉम कंपनियां कभी भी फोन पर OTP नहीं मांगती हैं।
- अज्ञात कॉल्स से सतर्क रहें – अगर कोई व्यक्ति खुद को कंपनी का प्रतिनिधि बताकर फोन करे, तो उसकी सत्यता की जांच करें।
- किसी भी लिंक पर क्लिक न करें – अज्ञात मैसेज या ईमेल में आए लिंक को क्लिक करने से बचें।
- मोबाइल सिक्योरिटी को मजबूत करें – फोन में सिक्योरिटी सेटिंग्स को एक्टिवेट करें और सुरक्षित पासवर्ड रखें।
- संभावित ठगी की सूचना तुरंत पुलिस को दें – अगर ठगी का संदेह हो, तो तुरंत साइबर पुलिस से संपर्क करें।
निष्कर्ष
ई-सिम जैसी आधुनिक तकनीकें जहां सुविधाजनक हैं, वहीं साइबर अपराधियों के लिए भी ठगी का नया जरिया बन रही हैं। कानपुर की यह घटना दर्शाती है कि किस तरह से जालसाज लोगों को चकमा देकर उनकी गाढ़ी कमाई पर हाथ साफ कर रहे हैं। ऐसे में सभी को सतर्क रहने और साइबर सुरक्षा उपाय अपनाने की आवश्यकता है।
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