महाराष्ट्र के नागपुर में साइकोलोजिस्ट की घिनौनी करतूत 50 से अधिक विद्यार्थियों का कथित यौन शोषण, ब्लैकमेलिंग का खुलासा

महाराष्ट्र के नागपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पिछले 15 वर्षों में 50 से अधिक विद्यार्थियों के कथित यौन शोषण और ब्लैकमेलिंग के आरोप में 45 वर्षीय एक मनोवैज्ञानिक को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
मनोवैज्ञानिक की पहचान और अपराध का तरीका
आरोपी पूर्वी नागपुर में एक क्लिनिक चलाता था और आवासीय मनोवैज्ञानिक परामर्श के नाम पर अपनी सेवाएं देता था। पुलिस के अनुसार, आरोपी ने विद्यार्थियों, विशेष रूप से लड़कियों को व्यक्तिगत और व्यावसायिक मदद का वादा करके लुभाया। वह विभिन्न यात्राएं और शिविर आयोजित करता था, जहां पीड़ितों का यौन शोषण करता और उनकी अश्लील तस्वीरें खींचता था। बाद में इन तस्वीरों का इस्तेमाल उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए करता था।
शिकार बनीं शादीशुदा महिलाएं भी
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब आरोपी के पूर्व विद्यार्थियों में से एक ने उसके ब्लैकमेल से परेशान होकर पुलिस से संपर्क किया। पुलिस के मुताबिक, आरोपी की कई पीड़िताएं शादीशुदा महिलाएं भी हैं, जो सामाजिक बदनामी के डर से शिकायत दर्ज कराने में झिझक रही हैं।
विशेष समिति का गठन
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष समिति का गठन किया है। यह समिति पीड़ितों को मदद पहुंचाने के साथ-साथ मामले की गहन जांच सुनिश्चित करेगी। अधिकारियों ने कहा है कि पीड़िताओं की पहचान को गोपनीय रखा जाएगा और उन्हें पूरी सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
ठाणे जिले में भी सामने आया था यौन शोषण का मामला
नागपुर की इस घटना ने राज्य को झकझोर कर रख दिया है। इससे पहले महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर में स्कूली बच्चियों के यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था। वहां स्कूल के सफाईकर्मी पर बच्चियों का शोषण करने का आरोप लगा था। हालांकि, सफाईकर्मी की बाद में एनकाउंटर में मौत हो गई थी। उस घटना के बाद पूरे महाराष्ट्र में जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ था।
नागपुर की घटना पर बढ़ती चिंता
नागपुर की यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह दर्शाती है कि मनोवैज्ञानिक जैसे संवेदनशील पेशे में काम करने वाले लोग भी किस तरह से अपने पद का दुरुपयोग कर सकते हैं। विद्यार्थियों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए सख्त कानूनों और जागरूकता की आवश्यकता है।
पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के यौन उत्पीड़न या ब्लैकमेलिंग की घटना को लेकर तुरंत पुलिस से संपर्क करें। साथ ही, पीड़ितों को आश्वस्त किया गया है कि उनके मामलों को पूरी संवेदनशीलता और गोपनीयता के साथ निपटाया जाएगा।
यह मामला समाज में मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों की भूमिका और उनकी जिम्मेदारियों पर गहन चर्चा की आवश्यकता को रेखांकित करता है। यह एक चेतावनी भी है कि ऐसे अपराधियों को समय रहते रोका जाए और पीड़ितों को न्याय दिलाया जाए।
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