कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा का निधन: कर्नाटक और भारत के लिए अपूरणीय क्षति
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता एसएम कृष्णा का मंगलवार, 10 दिसंबर की सुबह उनके आवास पर निधन हो गया। उन्होंने बेंगलुरु स्थित अपने आवास पर सुबह 2:45 बजे अंतिम सांस ली। 91 वर्षीय एसएम कृष्णा लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से कर्नाटक और देश ने एक अनुभवी राजनेता और दूरदर्शी नेता खो दिया है।
राजनीतिक सफर और उपलब्धियां
सोमनहल्ली मल्लैया कृष्णा का जन्म 1 मई, 1932 को कर्नाटक के मद्दुर तालुका के सोमनहल्ली गांव में हुआ था। प्रारंभिक और स्नातक शिक्षा उन्होंने मैसूर में प्राप्त की, जबकि कानून की पढ़ाई बेंगलुरु के सरकारी लॉ कॉलेज से पूरी की।
- मुख्यमंत्री का कार्यकाल (1999-2004):
एसएम कृष्णा ने 11 अक्टूबर 1999 से 20 मई 2004 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। उनके कार्यकाल को राज्य में आर्थिक और तकनीकी विकास की दिशा में एक मील का पत्थर माना जाता है। - बेंगलुरु को वैश्विक तकनीकी हब के रूप में स्थापित करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई।
- उनकी दूरदर्शिता ने कर्नाटक को आईटी क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाया।
- महाराष्ट्र के राज्यपाल (2004-2008):
उन्होंने 6 दिसंबर 2004 से 8 मार्च 2008 तक महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में सेवा दी।
नेताओं ने जताया शोक
एसएम कृष्णा के निधन पर कई दिग्गज नेताओं ने शोक व्यक्त किया।
- प्रियांक खरगे (कांग्रेस नेता):
“श्री एसएम कृष्णा के निधन से गहरा दुख हुआ। एक मुख्यमंत्री और नेता के रूप में उन्होंने राज्य और राष्ट्र पर अमिट छाप छोड़ी। बेंगलुरु को वैश्विक शहर के रूप में स्थापित करने की उनकी दृष्टि का लाभ हम आज भी उठा रहे हैं। उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।” - एन. चंद्रबाबू नायडू (आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री):
“कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री श्री एसएम कृष्णा के निधन की खबर सुनकर मुझे गहरा दुख हुआ। हमारी मित्रता निवेश आकर्षित करने की प्रतिस्पर्धी भावना से आगे थी। उन्होंने हमेशा अपने लोगों के कल्याण को प्राथमिकता दी। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी संवेदनाएं।”
राजनीतिक जीवन की शुरुआत
एसएम कृष्णा ने 1962 में मद्दुर से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में विधायक के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। वह अपने कुशल नेतृत्व, दूरदर्शिता और प्रशासनिक क्षमता के लिए जाने जाते थे।
व्यक्तिगत जीवन
1964 में एसएम कृष्णा ने विवाह किया। वे हमेशा से अपने शांत और सादगीपूर्ण व्यक्तित्व के लिए सम्मानित रहे।
कर्नाटक के लिए उनका योगदान
कर्नाटक में आईटी क्षेत्र को बढ़ावा देने और बेंगलुरु को तकनीकी राजधानी बनाने में उनकी भूमिका अविस्मरणीय है। उन्होंने कर्नाटक को आर्थिक, शैक्षिक और औद्योगिक विकास के पथ पर अग्रसर किया।
श्रद्धांजलि
एसएम कृष्णा का निधन भारत के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके योगदान को सदैव याद किया जाएगा।
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।
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