पंजाब के संगरूर में फ्री गंजेपन उपचार शिविर बना आफत, 65 से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती

पंजाब के संगरूर जिले में आयोजित निशुल्क गंजेपन उपचार शिविर में इलाज कराना दर्जनों लोगों के लिए महंगा साबित हुआ। इस फ्री हेल्थ कैंप में इलाज कराने के बाद 65 से अधिक लोगों की आंखों में जलन और पानी आने की समस्या उत्पन्न हो गई, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और दो आयोजकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
गंजेपन के इलाज के बाद आंखों में जलन और लालिमा
रविवार (16 मार्च) को संगरूर जिले के एक मंदिर में निशुल्क गंजापन उपचार शिविर का आयोजन किया गया था। इस फ्री हेल्थ कैंप में बाल झड़ने की समस्या का समाधान कराने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। लेकिन इलाज के बाद 65 से अधिक लोगों ने आंखों में जलन, पानी आने और लालिमा जैसी दिक्कतों की शिकायत की।
संगरूर सिविल अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि प्रभावित सभी मरीजों का इलाज जारी है।
तेल लगाने के बाद शुरू हुई परेशानी
शिविर में मौजूद लोगों को बाल झड़ने की समस्या दूर करने के लिए विशेष तेल लगाया गया। लेकिन तेल लगाने के तुरंत बाद ही कई लोगों को आंखों में जलन और लालिमा की शिकायत होने लगी।
- एक मरीज ने बताया कि तेल लगाने के 10 मिनट बाद जब उसने सिर धोया, तो उसकी आंखों में तेज जलन होने लगी।
- कुछ लोगों ने आंखों से पानी निकलने और खुजली जैसी समस्याओं की भी शिकायत की।
इस घटना के बाद बड़ी संख्या में मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
आयोजकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
घटना की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और शिविर के आयोजक समेत दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
- पुलिस उपाधीक्षक संजीव सिंगला ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और औषधि एवं जादुई उपचार अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
- आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
क्या यह लापरवाही का मामला है?
इस घटना के बाद फ्री हेल्थ कैंप की गुणवत्ता और चिकित्सा प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं।
- बिना किसी प्रमाणित डॉक्टर की मौजूदगी में तेल लगाने की अनुमति कैसे दी गई?
- क्या इस तेल की जांच की गई थी या नहीं?
- क्या यह मामला नकली या घटिया उत्पाद के इस्तेमाल का है?
इन सभी सवालों के जवाब के लिए पुलिस जांच कर रही है।
निष्कर्ष: स्वास्थ्य शिविर में सावधानी जरूरी
यह घटना एक बड़ा सबक है कि स्वास्थ्य से जुड़े किसी भी उपचार को अपनाने से पहले पूरी जानकारी लेना जरूरी है। फ्री मेडिकल कैंप में जाने से पहले यह जांच करनी चाहिए कि वहां प्रमाणित डॉक्टर और सही चिकित्सा पद्धति अपनाई जा रही है या नहीं।
सभी नागरिकों को सतर्क रहने और किसी भी अनजान चिकित्सा उपचार को अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत है।
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