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ज्ञानवापी विवाद: वजूखाने के सर्वे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज होगी सुनवाई

वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में मौजूद विवादित वजूखाने के सर्वे की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। इस मामले की सुनवाई जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच दोपहर 2 बजे करेगी।

याचिका में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) से वजूखाने का सर्वेक्षण कराने की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि वजूखाने का सर्वे परिसर के धार्मिक स्वरूप (रिलिजियस कैरेक्टर) को निर्धारित करने के लिए बेहद आवश्यक है।

मुस्लिम पक्ष ने किया विरोध
इस मामले में मुस्लिम पक्ष ने वजूखाने के सर्वेक्षण का कड़ा विरोध किया है। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही इस तरह के सर्वेक्षण पर रोक लगा रखी है। मुस्लिम पक्ष ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश स्पष्ट है और वजूखाने का सर्वे कराया जाना निषेध है।

शिवलिंग को छोड़कर वजूखाने के सर्वे की मांग
याचिकाकर्ता राखी सिंह की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि वजूखाने में स्थित कथित शिवलिंग को छोड़कर बाकी हिस्से का भी एएसआई से सर्वेक्षण कराया जाए। याचिका के माध्यम से दावा किया गया है कि यह सर्वेक्षण ज्ञानवापी परिसर के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को स्पष्ट करने में सहायक होगा।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने दलील दी कि हाईकोर्ट ने पिछले वर्ष शिवलिंग की कार्बन डेटिंग का आदेश दिया था, जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने स्थगित कर दिया। हालांकि, वर्तमान याचिका में केवल वजूखाने के अन्य हिस्सों का सर्वेक्षण कराने की मांग की गई है।

हिंदू पक्ष की याचिका खारिज हो चुकी है
पिछले महीने हिंदू पक्ष को सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट से झटका लगा था।

  1. हिंदू पक्ष ने पूरे ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे कराने की मांग की थी।
  2. कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि पूरे परिसर का सर्वेक्षण नहीं कराया जाएगा।
    अब वजूखाने के हिस्से का सर्वे कराने की मांग के साथ यह मामला फिर से चर्चा में है।

क्या है विवाद की पृष्ठभूमि?
ज्ञानवापी विवाद वाराणसी के ऐतिहासिक ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में वजूखाने में शिवलिंग मिलने के दावे के बाद गहराया।

  1. हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद परिसर में भगवान शिव का प्राचीन मंदिर स्थित था।
  2. वहीं, मुस्लिम पक्ष इसे मस्जिद का हिस्सा बताते हुए किसी भी तरह के दावे को खारिज करता है।

आज के फैसले पर टिकी निगाहें
इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज होने वाली सुनवाई से यह स्पष्ट हो सकेगा कि वजूखाने का सर्वेक्षण होगा या नहीं।

  1. यदि कोर्ट एएसआई सर्वे की अनुमति देता है, तो यह विवाद एक नया मोड़ ले सकता है।
    २. वहीं, मुस्लिम पक्ष के विरोध और सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश के मद्देनजर हाईकोर्ट का फैसला बेहद अहम माना जा रहा है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कोर्ट का रुख किस दिशा में जाता है और यह विवाद आगे किस तरह से आगे बढ़ता है।

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