योगी सरकार की ऐतिहासिक पहल: प्रयागराज और वाराणसी को मिलाकर बनेगा नया धार्मिक क्षेत्र

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के विकास और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी योजना बनाई है। इस योजना के तहत प्रयागराज और वाराणसी समेत आसपास के सात जिलों को मिलाकर एक नए धार्मिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा। यह ऐतिहासिक फैसला 22 जनवरी को प्रयागराज में होने वाली कैबिनेट बैठक में लिया जाएगा।
प्रयागराज में होगी विशेष कैबिनेट बैठक
योगी सरकार ने इस बार अपनी कैबिनेट बैठक प्रयागराज में आयोजित करने का निर्णय लिया है। यह बैठक इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में सुबह 11 बजे होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आयोजित इस बैठक में दोनों उपमुख्यमंत्रियों समेत पूरी कैबिनेट मौजूद रहेगी। बैठक में प्रस्तावित धार्मिक क्षेत्र को लेकर चर्चा होगी और इसके क्रियान्वयन को मंजूरी दी जाएगी।
नए धार्मिक क्षेत्र की योजना
इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत सात जिलों – प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, जौनपुर, भदोही, गाजीपुर और मिर्जापुर – को मिलाकर 22,000 किमी का एक नया धार्मिक क्षेत्र बनाया जाएगा। इस क्षेत्र को अत्याधुनिक तकनीक और योजनाओं के साथ विकसित करने का प्रस्ताव है।
- नीति आयोग की सलाह पर इस प्रस्ताव को तैयार किया गया है।
- नए धार्मिक क्षेत्र के लिए एक अलग प्राधिकरण का गठन होगा।
- धार्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए इस क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन का केंद्र बनाया जाएगा।
धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
प्रस्ताव में यह बात सामने आई है कि महाकुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालु प्रयागराज के अलावा वाराणसी, अयोध्या, मिर्जापुर और चित्रकूट जैसे धार्मिक स्थलों का भी दौरा करते हैं। इन क्षेत्रों को एक साथ जोड़ने से धार्मिक पर्यटन को नया आयाम मिलेगा।
- काशी विश्वनाथ मंदिर (वाराणसी)
- राम मंदिर (अयोध्या)
- विंध्याचल (मिर्जापुर)
- चित्रकूट जैसे स्थलों को एकीकृत कर पर्यटन सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।
इससे न केवल पर्यटन में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।
स्थानीय विकास को मिलेगा बढ़ावा
इस परियोजना से पूर्वांचल के विकास को नई गति मिलेगी। नए धार्मिक क्षेत्र के निर्माण से:
- धार्मिक स्थल बेहतर ढंग से विकसित होंगे।
- क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का विकास होगा।
- श्रद्धालुओं के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं का प्रावधान होगा।
- स्थानीय स्तर पर रोजगार और व्यापार के अवसर बढ़ेंगे।
निष्कर्ष
योगी सरकार की यह पहल उत्तर प्रदेश को धार्मिक और पर्यटन के क्षेत्र में वैश्विक पहचान दिलाने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद, इस योजना के क्रियान्वयन से न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पूर्वांचल के विकास को भी एक नई दिशा मिलेगी।
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