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NEP 2020 के अनुरूप: यूजीसी द्वारा पोस्ट ग्रेजुएशन शिक्षा में महत्वपूर्ण परिवर्तन

नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने “परास्नातक कार्यक्रमों के लिए पाठ्यक्रम और क्रेडिट ढांचा”(Curriculum and Credit Framework for Post-Graduate Programmes) जारी किया है, जो छात्रों के लिए अधिक लचीलापन(flexibility) और गतिशीलता (Mobility) बढ़ाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण बदलाव पेश करता है।

गौरतलब है कि, यह नया ढांचा एक वर्षीय और दो वर्षीय परास्नातक (पीजी) कार्यक्रमों दोनों पर लागू होता है, जिसमें विषय-विशिष्ट प्रवेश आवश्यकताओं को समाप्त कर दिया गया है और दो वर्षीय कार्यक्रम में पहले वर्ष के बाद निकास का विकल्प प्रदान किया गया है। यूजीसी के अध्यक्ष प्रोफेसर ममिदाला जगदीश कुमार ने बताया कि यह ढांचा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के लक्ष्यों के साथ मेल खाता है, जिसका उद्देश्य भारत को ज्ञान अर्थव्यवस्था और समाज में परिवर्तित करना है।

नए ढांचे की मुख्य विशेषताएं

लचीलापन और गतिशीलता(Flexibility and mobility):

नया पाठ्यक्रम छात्रों को एक विषय से दूसरे विषय में स्थानांतरित होने, अपनी रुचि के पाठ्यक्रम चुनने और ऑफलाइन, ओपन और डिस्टेंस लर्निंग (ODL), ऑनलाइन और हाइब्रिड लर्निंग जैसे विभिन्न शिक्षण मोडों के बीच स्विच करने की अनुमति देता है। यह ढांचा कई प्रवेश और निकास विकल्पों का समर्थन करता है, जिससे आजीवन सीखने और कौशल अधिग्रहण को प्रोत्साहन मिलता है।

क्रेडिट और शैक्षणिक संरचना:

यह ढांचा एक वर्षीय और दो वर्षीय पीजी कार्यक्रमों के लिए क्रेडिट आवश्यकताओं को निर्धारित करता है। उदाहरण के लिए, 160 क्रेडिट के साथ ऑनर्स या रिसर्च के साथ ऑनर्स डिग्री एक वर्षीय पीजी कार्यक्रम के लिए योग्य बनाती है। इसी तरह, 120 क्रेडिट के साथ तीन वर्षीय स्नातक डिग्री दो वर्षीय पीजी कार्यक्रम के लिए योग्य बनाती है। इसके अतिरिक्त, पांच वर्षीय एकीकृत स्नातक/मास्टर कार्यक्रम के लिए भी प्रावधान है।

पात्रता मापदंड:

  • आयु सीमा : 3 जुलाई 2004 से 3 जनवरी 2008 के बीच जन्मे उम्मीदवार पात्र हैं।
  • शैक्षिक योग्यता : उम्मीदवारों ने संबंधित स्नातक कार्यक्रमों को न्यूनतम 50% अंकों के साथ पूरा किया हो। इसमें कक्षा 12 के साथ प्रासंगिक विषय, इंजीनियरिंग में तीन वर्षीय डिप्लोमा, या गैर-व्यावसायिक (non-vocational)विषयों के साथ दो वर्षीय व्यावसायिक पाठ्यक्रम शामिल हैं।

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पाठ्यक्रम घटक:

  • दो वर्षीय पीजी कार्यक्रम : छात्र अपने दूसरे वर्ष में पाठ्यक्रम और शोध संयोजनों के बीच चयन कर सकते हैं।
  • एक वर्षीय पीजी कार्यक्रम : छात्र पाठ्यक्रम, शोध, या दोनों के संयोजन में से चुन सकते हैं।
  • पांच वर्षीय एकीकृत कार्यक्रम : पीजी घटक दो वर्षीय पीजी कार्यक्रम की संरचना को प्रतिबिंबित करेगा।

राष्ट्रीय उच्च शिक्षा योग्यता ढांचा (NHEQF):
उच्च शिक्षा योग्यताएं NHEQF के साथ संरेखित होंगी, जो स्तरों के संदर्भ में सीखने के परिणामों का वर्णन करती हैं। उदाहरण के लिए, तीन वर्षीय यूजी के बाद दो वर्षीय पीजी कार्यक्रम स्तर 6.5 पर होता है जिसमें 40+40 क्रेडिट होते हैं।

एनईपी 2020 के साथ संरेखण:

नया पीजी ढांचा एनईपी 2020 के साथ निकटता से संरेखित है, जो बहु-विषयक शिक्षा, स्नातक स्तर पर अनुसंधान और सीखने के परिणाम-आधारित दृष्टिकोणों पर जोर देता है। पीजी शिक्षा के लिए एनईपी 2020 से संबंधित प्रमुख सिफारिशें शामिल हैं:

  • तीन वर्षीय यूजी स्नातकों के लिए अनुसंधान-केंद्रित दूसरे वर्ष के साथ दो वर्षीय पीजी कार्यक्रम।
  • ऑनर्स के साथ चार वर्षीय यूजी कार्यक्रम के स्नातकों के लिए एक वर्षीय पीजी कार्यक्रम।
  • पांच वर्षीय एकीकृत स्नातक/मास्टर कार्यक्रम।

लाभ और अवसर:

इस ढांचे के कई फायदे हैं, जिसमें कई कार्यक्रमों में एक साथ नामांकन करने की क्षमता और ऑनलाइन पीजी डिग्री प्राप्त करने की लचीलापन शामिल है। यह विशेष रूप से कामकाजी पेशेवरों के लिए लाभकारी है जो अपनी वर्तमान जिम्मेदारियों के साथ डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, छात्र दो पूर्णकालिक कार्यक्रम (Two full-time programs)एक साथ कर सकते हैं, बशर्ते (provided) कि कक्षाओं के समय में कोई ओवरलैप न हो, या एक पूर्णकालिक और एक ओडीएल/ऑनलाइन कार्यक्रम कर सकते हैं।

यूजीसी का नया पाठ्यक्रम ढांचा भारत में उच्च शिक्षा परिदृश्य(landscape) को बेहतर बनाने के लिए तैयार है, जिससे परास्नातक(postgraduate) शिक्षा अधिक सुलभ, लचीली और ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था की जरूरतों के अनुरूप होगी। अधिक जानकारी और अपडेट के लिए उम्मीदवार यूजीसी की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं।

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