पहलगाम हमले के बाद भारत का सख्त रुख: पाकिस्तान से राजनयिक संबंधों में कटौती, सिंधु जल संधि स्थगित, अटारी बॉर्डर बंद

नई दिल्ली – जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े और निर्णायक कदम उठाते हुए पांच बड़ी कार्रवाइयों की घोषणा की है। हमले में 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक की मौत हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक हुई, जिसमें भारत की ओर से पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश देने का फैसला लिया गया।
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ उठाए ये 5 कड़े कदम
- राजनयिक संबंधों में कटौती:
- एक मई तक भारत और पाकिस्तान दोनों के उच्चायोगों में तैनात कर्मचारियों की संख्या घटाकर 55 से 30 कर दी जाएगी।
- रक्षा, नौसेना, वायुसेना सलाहकारों को पर्सोना नॉन ग्राटा घोषित कर एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं।
- भारत भी इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने सैन्य सलाहकारों को वापस बुलाएगा।
2.दक्षेस वीजा छूट योजना (SVES) रद्द:
- पाकिस्तानी नागरिकों को SVES के तहत भारत आने की अनुमति नहीं होगी।
- भारत में पहले से SVES वीजा पर मौजूद पाकिस्तानियों को 48 घंटे में देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है।
3.अटारी बॉर्डर बंद:
- भारत-पाकिस्तान के बीच की एकमात्र चालू सीमा अटारी बॉर्डर को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है।
- वैध कागजात वाले लोग एक मई तक उसी मार्ग से लौट सकते हैं।
4.सिंधु जल संधि स्थगित:
- 1960 की ऐतिहासिक सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया गया है।
- यह संधि तब तक लागू नहीं होगी जब तक पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद का समर्थन विश्वसनीय रूप से समाप्त नहीं करता।
5.सीमापार आतंकी नेटवर्क पर कार्रवाई:
- भारत ने संकल्प लिया है कि हमले के अपराधियों और उनके प्रायोजकों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा।
- पाकिस्तानी आतंकी नेटवर्क की जानकारी CCS को दी गई है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दी जानकारी
CCS की बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा:
“भारत की कार्रवाईयों का उद्देश्य यह संदेश देना है कि हम अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।”
पहलगाम हमले से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा
- इस आतंकी हमले की दुनियाभर में निंदा की जा रही है। कई देशों ने भारत के प्रति एकजुटता और समर्थन जताया है।
- विक्रम मिस्री ने बताया कि “भारत आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन की सराहना करता है।”
आतंक के खिलाफ सरकार का संकल्प
बैठक में यह भी रेखांकित किया गया कि यह हमला ऐसे समय हुआ जब जम्मू-कश्मीर में चुनावों का सफल आयोजन और आर्थिक विकास हो रहा है। यह आतंकियों की बौखलाहट का संकेत है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी एक कार्यक्रम में कहा:
“भारत ऐसी घटनाओं से डरने वाला देश नहीं है। हम दोषियों को मुंहतोड़ जवाब देंगे।”
निष्कर्ष
पहलगाम हमले ने भारत को झकझोर कर रख दिया है। सरकार ने जो कड़े कदम उठाए हैं, उससे यह साफ है कि अब भारत चुप नहीं बैठेगा। पाकिस्तान के साथ राजनयिक और जल संबंधों में कटौती से लेकर सीमा बंद करने तक, हर निर्णय इस बात का संकेत है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति अब पहले से कहीं ज्यादा कठोर और निर्णायक है।
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