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Infosys में छंटनी के बाद मुश्किलें, कंपनी के वैल्यूएशन में भारी गिरावट

देश की प्रमुख आईटी कंपनी इंफोसिस अपने मैसूर कैंपस से 300 से अधिक फ्रेशर्स को निकालने के बाद मुश्किलों का सामना कर रही है। हालांकि, कर्नाटक श्रम विभाग ने कंपनी को क्लीन चिट दे दी है। श्रम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इंफोसिस ने ट्रेनी छंटनी के मामले में किसी भी श्रम कानून का उल्लंघन नहीं किया है। इस मामले पर अंतिम रिपोर्ट 4 या 5 मार्च तक आने की संभावना है।

कंपनी के वैल्यूएशन में भारी गिरावट

इंफोसिस के शेयरों में इस हफ्ते 5.45% की गिरावट दर्ज की गई, जिससे कंपनी के मार्केट कैप में बड़ा नुकसान हुआ। कंपनी का वैल्यूएशन 52,697.93 करोड़ रुपये घटकर 7,01,002.22 करोड़ रुपये रह गया। शुक्रवार को इंफोसिस का शेयर 1,693 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बंद हुआ। हालांकि, भारी गिरावट के बावजूद इंफोसिस अब भी देश की टॉप-10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में शामिल है और भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता कंपनी बनी हुई है।

सबसे ज्यादा नुकसान टीसीएस को

इंफोसिस के अलावा, टॉप-10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में से आठ का संयुक्त मार्केट कैप करीब 3 लाख करोड़ रुपये घटा है। इस दौरान सबसे अधिक नुकसान टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को हुआ है। बीते हफ्ते बीएसई सेंसेक्स में 2,112.96 अंक (2.80%) और एनएसई निफ्टी में 671.2 अंक (2.94%) की गिरावट दर्ज की गई थी। अकेले फरवरी में निफ्टी 1,383.7 अंक (5.88%) और सेंसेक्स 4,302.47 अंक (5.55%) टूटा है।

इन कंपनियों को हुआ फायदा

हालांकि, इस गिरावट के बीच कुछ कंपनियों ने मुनाफा भी कमाया। रिलायंस इंडस्ट्रीज को सबसे अधिक फायदा हुआ, इसके बाद एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, बजाज फाइनेंस, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी के शेयर भी फायदे में रहे।

इंफोसिस ने क्यों की फ्रेशर्स की छंटनी?

इंफोसिस के मैसूर कैंपस से 350 फ्रेशर्स को नौकरी से निकाला गया है। ये सभी कर्मचारी कंपनी के फाउंडेशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल थे, लेकिन तीन प्रयासों के बाद भी इंटरनल असेस्मेंट में पास नहीं हो सके। कंपनी का कहना है कि परफॉर्मेंस इवैल्यूएशन उनके ट्रेनिंग प्रोग्राम का एक अहम हिस्सा है और यह छंटनी प्रदर्शन आधारित थी।

भविष्य की संभावनाएं

इस घटनाक्रम के बाद इंफोसिस और अन्य आईटी कंपनियों के बाजार प्रदर्शन पर निवेशकों की नजर बनी हुई है। आगामी दिनों में श्रम विभाग की अंतिम रिपोर्ट और शेयर बाजार की चाल तय करेगी कि कंपनी आगे कैसे उबरती है।

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