केजरीवाल की जमानत रद्द, हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलटा
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली हाईकोर्ट से एक बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने निचली अदालत द्वारा दी गई जमानत पर रोक लगाई है, जिससे केजरीवाल को जेल में ही रहना पड़ेगा।
हाईकोर्ट का फैसला
हाईकोर्ट की जस्टिस सुधीर कुमार जैन की पीठ ने राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले पर रोक बरकरार रखी है। पीठ ने यह निर्णय लेते हुए कहा कि निचली अदालत ने ED के प्रस्तुत दस्तावेजों और PMLA की धारा 45 की दोहरी शर्तों पर उचित ध्यान नहीं दिया था। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद यह फैसला सुनाया।
निचली अदालत का निर्णय
इससे पहले, निचली अदालत ने अरविंद केजरीवाल को जमानत दी थी, जिस पर ED ने आपत्ति जताते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था। ED का कहना था कि निचली अदालत ने एकतरफा तरीके से और गलत तथ्यों के आधार पर केजरीवाल को जमानत दी थी।
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ED का पक्ष
ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (Additional Solicitor) एसवी राजू ने हाईकोर्ट में दलील दी थी कि निचली अदालत का आदेश एकतरफा और गलत है, जो अप्रासंगिक तथ्यों (Irrelevant facts) पर आधारित है। उन्होंने कहा कि जमानत रद्द करने के लिए इससे बेहतर मामला नहीं हो सकता।
जमानत की तारीखें
अरविंद केजरीवाल को पहली बार 10 मई को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली थी। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें चुनाव प्रचार के लिए एक जून तक की अंतरिम जमानत पर रिहा किया था, जिसके बाद उन्होंने 2 जून को सरेंडर कर दिया था।
दिल्ली शराब घोटाला
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को एक्साइज पॉलिसी 2021-22 को लागू किया था, जिसके तहत शराब का कारोबार निजी हाथों में सौंप दिया गया था। इस नीति के माध्यम से सरकार का दावा था कि माफिया राज खत्म होगा और राजस्व में वृद्धि होगी।
हालांकि, यह नीति विवादों में घिरी रही और 28 जुलाई 2022 को इसे रद्द कर दिया गया। कथित शराब घोटाले का खुलासा 8 जुलाई 2022 को तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट से हुआ था, जिसमें मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए गए थे।
सीबीआई और ED की जांच
दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को केस दर्ज किया और पैसों की हेराफेरी के आरोप में ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए केस दर्ज किया। मुख्य सचिव की रिपोर्ट में मनीष सिसोदिया पर शराब नीति तैयार करने में अनियमितता (Irregularity) का आरोप लगाया गया था।
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ चल रही कानूनी कार्यवाही ने दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा दी है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद यह स्पष्ट है कि केजरीवाल को अभी और कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
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