कुणाल कामरा ने भविष अग्रवाल पर कसा तंज, ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में गिरावट पर साधा निशाना
कॉमेडियन कुणाल कामरा और ओला इलेक्ट्रिक के सीईओ भविष अग्रवाल के बीच सोशल मीडिया पर जारी नोकझोंक थमने का नाम नहीं ले रही है। अब एक बार फिर से कुणाल कामरा ने ओला के शेयरों में आई भारी गिरावट को लेकर भविष अग्रवाल पर तीखा हमला बोला है। ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों के 52 हफ्तों के निचले स्तर पर पहुंचने पर कुणाल ने एक डीपफेक वीडियो के जरिए ओला सीईओ पर व्यंग्य करते हुए उन्हें बाल संत अभिनव अरोड़ा के अंदाज में दिखाया है, जिसमें वह कहते नजर आ रहे हैं, “मुझे फड़क (फरक) नहीं पड़ता।”
कुणाल कामरा ने शुरू की थी ऑनलाइन लड़ाई
यह सारा मामला तब शुरू हुआ जब कुणाल कामरा ने ओला स्कूटर की ऑफ्टर-सेल सर्विस को लेकर चिंता जाहिर की थी। इस पर ओला के सीईओ भविष अग्रवाल ने कुणाल को उनके सर्विस सेंटर आने का न्योता दिया। इसके बाद से दोनों के बीच ऑनलाइन बहस चल पड़ी और हर दूसरे दिन सोशल मीडिया पर एक नई पोस्ट सामने आने लगी। इस ऑनलाइन लड़ाई में न सिर्फ दोनों के फॉलोअर्स जुड़े बल्कि सोशल मीडिया पर लोग इसे जमकर लाइक और शेयर कर रहे हैं।
ओला सीईओ को बाल संत अभिनव अरोड़ा के गेटअप में दिखाया
हाल ही में ओला के स्टॉक के निचले स्तर पर पहुंचने का मुद्दा उठाते हुए कुणाल कामरा ने एक डीपफेक वीडियो शेयर किया, जिसमें भविष अग्रवाल बाल संत अभिनव अरोड़ा के अंदाज में नजर आ रहे हैं। वीडियो में वह अभिनव अरोड़ा की लोकप्रिय स्टाइल में कहते हैं, “मुझे फड़क (फरक) नहीं पड़ता।” सोशल मीडिया पर बाल संत अभिनव अरोड़ा की चर्चा पिछले कुछ दिनों से जोरों पर है, और ऐसा प्रतीत होता है कि कुणाल ने इस विषय का सहारा लेकर अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट की रीच बढ़ाने की कोशिश की है।
ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में गिरावट
मंगलवार को ओला इलेक्ट्रिक के शेयर करीब 4 फीसदी गिरकर अपने इश्यू प्राइस 76 रुपये से भी नीचे चले गए। बीएसई पर यह शेयर 74.82 रुपये पर और एनएसई पर 76 रुपये पर लिस्ट हुए थे। शुरुआत में भले ही ओला के शेयरों की लिस्टिंग शांत रही हो, लेकिन उसके बाद के दिनों में इसमें 20-20 फीसदी का अपर सर्किट भी लगते देखा गया था। हालांकि, हाल की गिरावट के बाद निवेशकों में चिंता की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया
भविष अग्रवाल और कुणाल कामरा की इस सोशल मीडिया जंग को लेकर लोग अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ लोग इसे एक मनोरंजक विवाद के रूप में देख रहे हैं तो वहीं कुछ इसे एक महत्वपूर्ण मुद्दे के रूप में भी देख रहे हैं, जो ग्राहक सेवा की गुणवत्ता से जुड़ा है। लोग ओला इलेक्ट्रिक की सर्विस और उसकी ऑफ्टर-सेल्स सपोर्ट पर सवाल उठा रहे हैं।
निष्कर्ष
कुणाल कामरा और भविष अग्रवाल के बीच यह तकरार न केवल मनोरंजन का जरिया बन गया है बल्कि यह ओला की सेवाओं को लेकर भी गंभीर सवाल उठा रहा है। ओला के शेयरों में आई गिरावट और सर्विस क्वालिटी पर उठाए गए सवालों को भविष अग्रवाल कैसे संबोधित करेंगे, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। सोशल मीडिया पर जारी इस पोस्ट वॉर ने ओला इलेक्ट्रिक को लेकर कई मुद्दों को उजागर किया है, जिससे कंपनी को भविष्य में अपने ग्राहकों की संतुष्टि पर अधिक ध्यान देने की जरूरत दिखाई देती है।
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