पूर्व आईपीएस अधिकारी और महावीर मंदिर के सचिव आचार्य किशोर कुणाल का अंतिम संस्कार आज

बिहार के लिए एक शोकपूर्ण दिन है, क्योंकि पूर्व आईपीएस अधिकारी और पटना महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव आचार्य किशोर कुणाल का आज (30 दिसंबर) अंतिम संस्कार किया जा रहा है। उनके निधन से पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है। उनकी अंतिम यात्रा महावीर मंदिर से प्रारंभ हुई, जहां उनके अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे।
महावीर मंदिर में अंतिम दर्शन और श्रद्धांजलि
महावीर मंदिर में आचार्य किशोर कुणाल के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। इस दौरान मंदिर परिसर मंत्रोच्चार और आरती के माहौल से गूंज उठा। श्रद्धांजलि देने के लिए बिहार सरकार के मंत्री नितिन नवीन, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, बीजेपी नेता अश्विनी कुमार चौबे, और अन्य प्रमुख हस्तियां मौजूद रहीं।
आचार्य किशोर कुणाल प्रतिदिन महावीर मंदिर की पहली आरती में शामिल होते थे। उनकी अनुपस्थिति से मंदिर परिवार और श्रद्धालुओं के बीच गहरी शोक की भावना व्याप्त है।
हाजीपुर में होगा अंतिम संस्कार
महावीर मंदिर में श्रद्धांजलि के बाद उनकी अंतिम यात्रा हाजीपुर के कोनहारा घाट के लिए निकाली गई। वहीं पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। बिहार सरकार के कई मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति उनके अंतिम संस्कार में शामिल हो सकते हैं।
निधन से बिहार शोकाकुल
रविवार को आचार्य किशोर कुणाल का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उन्हें तुरंत पटना के महावीर वात्सल्य अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके निधन की खबर सुनते ही पूरा बिहार शोकाकुल हो गया। उनकी विद्वता, समाजसेवा और धार्मिक कार्यों के प्रति समर्पण के कारण वे पूरे राज्य में सम्मानित थे।
महावीर मंदिर और अन्य सामाजिक कार्यों में योगदान
आचार्य किशोर कुणाल ने न केवल महावीर मंदिर के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, बल्कि कई सामाजिक और चिकित्सा संस्थानों की स्थापना कर बिहार की जनता के लिए अमूल्य योगदान दिया। उन्होंने महावीर कैंसर संस्थान, महावीर आरोग्य संस्थान, महावीर नेत्रालय, महावीर वात्सल्य अस्पताल, महावीर वरिष्ठ नागरिक अस्पताल और हाजीपुर में विशालनाथ अस्पताल जैसे संस्थानों की स्थापना की।
इसके अलावा, उन्होंने पूर्वी चंपारण में रामायण मंदिर के निर्माण का बीड़ा भी उठाया। उनकी दूरदृष्टि और नेतृत्व ने इन संस्थानों को न केवल स्थापित किया बल्कि उन्हें समाजसेवा का केंद्र बना दिया।
बिहार के लिए अपूरणीय क्षति
आचार्य किशोर कुणाल के निधन से बिहार ने एक ऐसे समाजसेवी और धार्मिक नेता को खो दिया है, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी समाज और धर्म के लिए समर्पित कर दी। उनके द्वारा स्थापित संस्थान और उनके कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे।
नमन और श्रद्धांजलि
आचार्य किशोर कुणाल की विदाई केवल उनके परिवार या उनके करीबी लोगों के लिए नहीं, बल्कि पूरे बिहार के लिए एक गहरी क्षति है। उनकी यादें और उनके द्वारा किए गए कार्य हमेशा जीवित रहेंगे।
महावीर मंदिर परिवार और बिहार की जनता उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रार्थना करती है कि उनकी आत्मा को शांति मिले।
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