मध्य प्रदेश के जबलपुर में बड़ा ट्रेन हादसा, सोमनाथ एक्सप्रेस के दो डिब्बे पटरी से उतरे
मध्य प्रदेश के जबलपुर में शनिवार सुबह एक बड़ा ट्रेन हादसा हुआ, जब सोमनाथ एक्सप्रेस (2291 इंदौर-जबलपुर ओवरनाइट एक्सप्रेस) के दो डिब्बे स्टेशन से महज 200 मीटर पहले पटरी से उतर गए। हादसे के समय ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर 6 की ओर बढ़ रही थी और सुबह करीब 5:50 बजे के आसपास यह दुर्घटना घटी। हालांकि, गनीमत रही कि हादसे में कोई यात्री घायल नहीं हुआ, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।
हादसे के कारण दहशत, लेकिन यात्री सुरक्षित
हादसे के समय ट्रेन की रफ्तार बहुत धीमी थी, जिससे बड़ा नुकसान होने से बच गया। ट्रेन के धीमी गति में होने के कारण यात्रियों को किसी तरह की चोट या नुकसान नहीं पहुंचा। हालांकि, डिब्बे पटरी से उतरने के कारण यात्रियों में अफरातफरी मच गई, और वे डर के मारे घबरा गए। घटना की सूचना मिलते ही रेलवे अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। पश्चिम मध्य रेलवे के सीपीआरओ हर्षित श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है और सभी यात्री सुरक्षित हैं। ट्रेन के धीमी गति में होने की वजह से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ और यात्री अपने घरों के लिए रवाना हो चुके हैं।
इटारसी जंक्शन पर भी हुआ था ऐसा हादसा
यह पहली बार नहीं है जब ऐसा हादसा हुआ हो। इससे पहले 12 अगस्त को इटारसी रेलवे स्टेशन पर भी एक ऐसी ही घटना घटी थी, जब मैसूर से रानी कमलापति की ओर जा रही समर स्पेशल ट्रेन (01663) के दो एसी कोच पटरी से उतर गए थे। उस वक्त भी ट्रेन प्लेटफॉर्म पर पहुंचने ही वाली थी, और अचानक जोरदार धक्के के कारण यात्रियों में दहशत फैल गई थी। हालांकि, उस हादसे में भी किसी के हताहत होने की खबर नहीं थी।
हादसे के बाद रेलवे की कार्यवाही
जबलपुर में हुए इस हादसे के बाद रेलवे के अधिकारी तुरंत हरकत में आए और स्थिति को नियंत्रित किया। घटना की वजह से ट्रैक पर यातायात कुछ देर के लिए बाधित रहा, लेकिन हादसे के कुछ समय बाद ट्रैक की मरम्मत कर दी गई और रेलवे सेवाएं सामान्य हो गईं। हादसे के कारणों की जांच की जा रही है और अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि ट्रेन की गति धीमी होने के कारण ही एक बड़ा हादसा टल सका।
यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल
हालांकि, इस तरह की घटनाएं यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती हैं। ट्रेन की पटरी से उतरने की घटनाएं पिछले कुछ महीनों में बढ़ी हैं, जो रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाते हैं। यात्रियों ने इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर अपनी चिंता जाहिर की और रेलवे प्रशासन से सुरक्षा के कड़े उपायों की मांग की।
निष्कर्ष
जबलपुर में हुआ यह हादसा एक बड़ा खतरा साबित हो सकता था, लेकिन ट्रेन की धीमी रफ्तार ने इसे एक बड़ा हादसा बनने से बचा लिया। रेलवे के लिए यह जरूरी है कि वह ऐसी घटनाओं से सबक ले और अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाए, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
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