NCLT से एयर इंडिया-विस्तारा को मर्जर की मिली मंजूरी, 31 पन्नों का फैसला
एयर इंडिया और विस्तारा एयरलाइन के मर्जर (Merger) को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने मंजूरी दे दी है, जिससे भारतीय एविएशन सेक्टर में एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। इस मर्जर के बाद, यह दुनिया के सबसे बड़े एयरलाइन समूहों में से एक बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
विस्तारा-एयर इंडिया मर्जर की प्रक्रिया
एनसीएलटी(NCLT) की चंडीगढ़ पीठ ने अपने 31 पन्नों के फैसले में टैलेस, एयर इंडिया, और विस्तारा से जुड़ी समग्र व्यवस्था योजना को मंजूरी दी। यह सभी कंपनियां टाटा ग्रुप का हिस्सा हैं। एनसीएलटी की दो सदस्यीय पीठ(Member Bench) ने यह भी बताया कि इस योजना को पहले ही दोनों एयरलाइन कंपनियों के शेयरधारकों और लेनदारों से आवश्यक मंजूरी मिल चुकी है।
सिंगापुर एयरलाइंस की हिस्सेदारी
मर्जर के बाद सिंगापुर एयरलाइंस की एयर इंडिया में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। विस्तारा, सिंगापुर एयरलाइंस और टाटा समूह का एक संयुक्त उद्यम (Joint venture) है। इस फैसले के साथ, सिंगापुर एयरलाइंस ने भी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की मंजूरी और DGCA/MOCA से संबंधित सुरक्षा मंजूरी नौ महीने की समय सीमा के भीतर सुनिश्चित करने की बात कही है।
प्रतिस्पर्धा आयोग की मंजूरी (Competition Commission approval)
मार्च 2023 में सिंगापुर के प्रतिस्पर्धा नियामक सीसीसीएस ने प्रस्तावित विलय को सशर्त मंजूरी दी थी। इसके बाद सितंबर 2023 में, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने भी इस सौदे को कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दी।
टाटा समूह का एयर इंडिया पर नियंत्रण
टाटा समूह ने जनवरी 2022 में घाटे में चल रही एयर इंडिया की बागडोर संभाली थी। इसके बाद से एयर इंडिया के पुनर्निर्माण और विस्तारा के साथ इसके विलय की प्रक्रिया पर तेजी से काम किया गया है।
शेयरधारकों के बीच धारा 230 से 232
एनसीएलटी के आदेश के अनुसार, “याचिकाकर्ता कंपनियों और उनके शेयरधारकों के बीच धारा 230 से 232 और कंपनी अधिनियम 2013 के अन्य प्रावधानों के तहत समग्र व्यवस्था योजना को मंजूरी दी जाती है। यह योजना कंपनियों और उनके संबंधित शेयरधारकों के लिए Binding होगी।”
भविष्य की योजनाएं
एयर इंडिया को उम्मीद है कि इस साल के अंत तक मर्जर की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। यह मर्जर भारतीय एविएशन सेक्टर को एक नई दिशा देगा और टाटा समूह को इस क्षेत्र में और मजबूत बनाएगा।
यह मर्जर भारतीय विमान उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और इससे डोमेस्टिक और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे।