शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने पर नितिन गडकरी का बयान: “स्टेनलेस स्टील का उपयोग होता, तो प्रतिमा नहीं गिरती”
मंगलवार को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शिवाजी महाराज की प्रतिमा के गिरने के मामले पर अपनी राय जाहिर की। उन्होंने कहा कि अगर प्रतिमा के निर्माण में स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल किया गया होता, तो यह दुर्घटना कभी नहीं होती। गडकरी ने तटीय क्षेत्रों में जंग-रोधी (रस्ट-रेसिस्टेंट) उत्पादों के इस्तेमाल पर जोर देते हुए कहा कि ऐसे इलाकों में स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल अनिवार्य होना चाहिए।
गडकरी ने फिक्की के एक कार्यक्रम में कहा, “मैं पिछले तीन साल से यह बात कह रहा हूं कि समुद्र के पास बने पुलों और संरचनाओं में स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। जब मैंने मुंबई में 55 फ्लाईओवरों का निर्माण करवाया था, तब एक व्यक्ति ने मुझे बताया कि उन्होंने लोहे की छड़ों पर पाउडर कोटिंग की थी और वह जंग-रोधी थीं। लेकिन बाद में मैंने देखा कि उनमें जंग लग गया था। अब मैं महसूस करता हूं कि समुद्र से 30 किमी के भीतर बनने वाली सभी सड़कों और संरचनाओं में स्टेनलेस स्टील का उपयोग होना चाहिए। अगर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के निर्माण में स्टेनलेस स्टील का उपयोग हुआ होता, तो वह कभी नहीं गिरती।”
शिल्पकार के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी
सिंधुदुर्ग पुलिस ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के शिल्पकार जयदीप आप्टे के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है, जो पिछले एक सप्ताह से लापता हैं। राजकोट किले में शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के बाद यह कदम उठाया गया है।
पिछले सप्ताह मालवन पुलिस ने जयदीप आप्टे और संरचनात्मक अभियंता चेतन पाटिल के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की थी। चेतन पाटिल को 5 सितंबर तक पुलिस हिरासत में रखा गया है, जबकि आप्टे अब भी फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
यह मामला तब से चर्चा में है जब छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिर गई और इससे संबंधित अधिकारियों और शिल्पकारों की जिम्मेदारी पर सवाल उठने लगे। नितिन गडकरी का यह बयान इस मुद्दे में एक नया दृष्टिकोण जोड़ता है, जिसमें उन्होंने निर्माण में सही सामग्री के इस्तेमाल पर बल दिया।
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