NRC के बाद NRP को मिली कैबिनेट की मंजूरी
नई दिल्ली –राष्ट्रीय नागरिकता कानून के खिलाफ देश भर में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच आज नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में एनआरपी की मंजूरी दे दी गई। देर तक चल रही इस बैठक में मंजूरी देने के बाद अब राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर की प्रतिक्रिया शुरू हो जाएगी। जिसके तहत देश के सामान्य नागरिक की व्यापक पहचान कर डेटाबेस बनाया जाएगा। जिसमें जनसंख्या के साथ बायोमेट्रिक की जानकारी भी शामिल होगी।
क्या है एनआरपी ?
एनआरपी में हर नागरिक की पूरी जानकारी रखी जाएगी। नागरिकता अधिनियम 1955 प्रावधानों के तहत स्थानीय जिला, उप जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है। एनआरपी के पूरे 3 प्रक्रिया होगी अर्थात तीन चरणों में इसे लाया जाएगा, पहला चरण यानी 1 अप्रैल 2020 से लेकर 30 सितंबर के बीच केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी घर-घर जाकर आलेख करेंगे। वही दूसरे चरण में 9 फरवरी से लेकर 28 फरवरी 2021 के बीच पूरी होगी। और तीसरे चरण में संशोधन की प्रक्रिया 1 मार्च से लेकर 5 मार्च के बीच में होगी।
एनआरसी के पीछे जहां देश में अवैध रूप से छिपे हुए नागरिकों की पहचान का मकसद छुपा है, वहीं एनआरपी में 6 महीने या उससे अधिक समय से स्थानीय क्षेत्र में रहने वाले किसी भी निवासी को एनआरपी मैं आवश्यक के रूप से पंजीकरण करना होता है। इसके तहत अगर देश में कोई भी बाहरी 6 महीने से रह रहा है, तो उसका भी एनआरपी में पंजीकरण होना चाहिए। इसका एक मकसद यह भी है कि लोगों का बायोमेट्रिक डाटा तैयार कर सरकारी योजनाओं की पहुंच असली हिताधिकारी तक पहुंचाने का भी मकसद है।
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