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प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा: महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को मिलेगी नई दिशा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीसरे कार्यकाल में पहली बार रूस के दौरे पर जा रहे हैं। वे 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए मॉस्को पहुंचेंगे। इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम बेहद महत्वपूर्ण और व्यस्त रहेगा, जिसमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ताओं (Bilateral Talks) के कई महत्वपूर्ण सत्र शामिल हैं।

प्रधानमंत्री का शेड्यूल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 और 9 जुलाई को रूस के दौरे पर रहेंगे। उनके कार्यक्रम की शुरुआत मॉस्को के लिए उड़ान भरने से होगी। उनका विमान वनुकोवो II अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शाम 5:20 बजे लैंड करेगा। रात 9:30 बजे से 11:30 बजे तक प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच एक प्राइवेट मीटिंग होगी। इसके बाद, राष्ट्रपति पुतिन प्रधानमंत्री मोदी और उनके प्रतिनिधिमंडल के लिए डिनर का आयोजन करेंगे। प्रधानमंत्री इस दौरे के दौरान एक प्रदर्शनी केंद्र का भी दौरा करेंगे और भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात कर सकते हैं।

महत्वपूर्ण बिंदु

इस शिखर सम्मेलन की खास बात यह है कि यह तीन साल बाद आयोजित हो रहा है, क्योंकि कोरोना महामारी के चलते इस प्रकार की उच्चस्तरीय बैठकें संभव नहीं हो पाई थीं। यह दौरा भारत और रूस के द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। दोनों देशों के नेता द्विपक्षीय संबंधों, अंतरराष्ट्रीय हालात और रूस-यूक्रेन संघर्ष पर बातचीत करेंगे। भारत पहले भी कई बार दोनों देशों से शांति अपील कर चुका है और विवादित मुद्दों के समाधान के लिए बातचीत का रास्ता अपनाने का आग्रह किया है।

दौरे का महत्व

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा कई दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण है। यह दौरा भारत-रूस संबंधों को नई दिशा देने का काम करेगा और दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग को और मजबूती प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से यह भी उम्मीद की जा रही है कि भारत और रूस के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों में भी सुधार होगा।

प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी काफी महत्वपूर्ण मान रहे हैं। पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत के लिए विशेष तैयारियां की हैं और इस दौरान वे आपसी समझ और सहयोग को और गहरा करने की कोशिश करेंगे।

यह दौरा न केवल भारत-रूस संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी दोनों देशों के बीच सहयोग और संवाद को बढ़ावा देगा।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रूस दौरा भारत और रूस के बीच मित्रता और सहयोग की एक नई मिसाल साबित होगा। दोनों देशों के नेताओं की मुलाकात से द्विपक्षीय संबंधों में नए आयाम जुड़ेंगे और साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक सकारात्मक संदेश जाएगा। यह दौरा न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण है।

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