बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल: अंतरिम सरकार, हिंसा और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा
बांग्लादेश में हाल ही में राजनीतिक स्थिति में बड़ा बदलाव देखने को मिला जब शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद देश में हिंसा और अराजकता का माहौल बन गया। अंतरिम सरकार के रूप में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को चुना गया है, जबकि बीएनपी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया जेल से रिहा हो गई हैं और उन्होंने देशभर में हो रही हिंसा को लेकर चिंता जताई है।
हिंसा और आगजनी की घटनाएं
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, जोशोर जिले में आवामी लीग के नेता शाहीन चक्कलदर के जाबिर इंटरनेशनल होटल में आग लगा दी गई, जिसमें 24 लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक इंडोनेशियाई नागरिक भी शामिल था। इस घटना के बाद, उपद्रवियों ने कई आवामी लीग नेताओं और कार्यकर्ताओं के घरों और दुकानों पर हमले किए। ढाका में बंगबंधु एवेन्यू स्थित आवामी लीग के कार्यालय को भी निशाना बनाया गया। अब तक 29 आवामी लीग नेताओं और उनके रिश्तेदारों के शव बरामद हुए हैं।
हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले
शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा में भी बढ़ोतरी हुई है। एक हिंदू एसोसिएशन के अनुसार, सैकड़ों हिंदू घरों, व्यवसायों और मंदिरों में तोड़फोड़ की गई है। देश की 17 करोड़ आबादी में हिंदुओं की संख्या 8 प्रतिशत है, जो ऐतिहासिक रूप से शेख हसीना की आवामी लीग का समर्थन करते आए हैं। बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने बताया कि 200-300 हिंदू घरों और दुकानों को नुकसान पहुंचाया गया है और 15-20 हिंदू मंदिरों को तोड़ा गया है। हिंसा में 40 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
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मुहम्मद यूनुस की नियुक्ति
राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने छात्र नेताओं और सेना प्रमुखों के साथ बैठक के बाद मुहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया। यूनुस, जो वर्तमान में पेरिस में चिकित्सा उपचार करवा रहे हैं, ने इस भूमिका को स्वीकार कर लिया है और जल्द ही बांग्लादेश लौटने की उम्मीद है। यूनुस को उनके माइक्रोक्रेडिट संस्थान ग्रामीण बैंक के लिए 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला था।
बैंकिंग सेवाओं पर असर
देश में हिंसा के कारण बैंकिंग सेवाओं पर भी असर पड़ा है। बैंक तो खुल गए हैं, लेकिन सुरक्षा की कमी की वजह से उनकी सेवाएं प्रभावित हुई हैं। ज्यादातर बैंक और एटीएम को लूट से बचाने के लिए बंद ही रखा गया है। कैश का ट्रांसपोर्टेशन नहीं किया जा रहा है और बैंककर्मी भी दफ्तरों में लौटने से हिचकिचा रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
अमेरिका ने शेख हसीना का वीजा रद्द करने की खबरों के बीच ढाका में अमेरिकी दूतावास ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के घरों, दुकानों और मंदिरों पर हो रहे हमलों को लेकर चिंता जताई है और बांग्लादेश से लगने वाली सीमाओं को अलर्ट कर दिया है।
भविष्य की दिशा
बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी ने अपने 13 वर्षों से बंद केंद्रीय कार्यालय को फिर से खोल दिया है और अंतरिम सरकार के गठन की मांग की है। बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी के 2400 लोगों को जमानत मिल गई है। खालिदा जिया ने बांग्लादेश खिलाफत मजलिस के मौलाना मोमिनुल हक से मुलाकात कर देश के संसाधनों के व्यर्थ होने पर चिंता जताई और देश को मिलकर बनाने का आह्वान किया।
निष्कर्ष
बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा ने देश की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को बुरी तरह प्रभावित किया है। अंतरिम सरकार के नेतृत्व में मुहम्मद यूनुस के आने से कुछ स्थिरता की उम्मीद की जा रही है, लेकिन हिंसा और अराजकता की स्थिति को नियंत्रित करना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। देश के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और सामान्य स्थिति की बहाली के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगरानी और सहयोग आवश्यक है।
Source PTI
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