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प्रधानमंत्री मोदी ने नौसेना को तीन स्वदेशी युद्धपोत समर्पित किए, समुद्री सुरक्षा होगी मजबूत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (15 जनवरी) मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में भारतीय नौसेना के तीन अत्याधुनिक और स्वदेशी युद्धपोतों को देश को समर्पित किया। ये युद्धपोत हैं – आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरि, और आईएनएस वाघशीर, जो भारतीय नौसेना की सामरिक ताकत को कई गुना बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इन युद्धपोतों का निर्माण पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक के माध्यम से किया गया है, जो देश की रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है।

आईएनएस सूरत: स्टेल्थ गाइडेड-मिसाइल डिस्ट्रॉयर
आईएनएस सूरत भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 15बी के तहत बनाया गया चौथा और अंतिम स्टेल्थ गाइडेड-मिसाइल डिस्ट्रॉयर है। इसे 7 नवंबर 2019 को स्थापित किया गया और 17 मई 2022 को लॉन्च किया गया था। यह युद्धपोत अत्याधुनिक रडार सिस्टम और स्टेल्थ फीचर्स से लैस है, जो इसे दुश्मन से छिपकर हमला करने में सक्षम बनाते हैं। 7,400 टन वजनी और 164 मीटर लंबा यह पोत 30 नॉट्स (56 किमी/घंटा) की रफ्तार से समुद्र में दौड़ सकता है। इसमें कंबाइंड गैस एंड गैस (COGAG) प्रोपल्शन सिस्टम और मिसाइलों से लेकर टॉरपीडो तक सभी प्रकार के हथियार लगे हुए हैं। यह पोत दुश्मन के किसी भी खतरनाक हमले का जवाब देने में सक्षम है।

आईएनएस नीलगिरि: पहला स्टेल्थ फ्रिगेट
आईएनएस नीलगिरि भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 17ए के तहत पहला स्टेल्थ फ्रिगेट है। इसे 28 दिसंबर 2017 को स्थापित किया गया था और 28 सितंबर 2019 को लॉन्च किया गया था। 6,670 टन वजनी और 149 मीटर लंबा यह फ्रिगेट विशेष रूप से रडार सिग्नेचर को कम करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे यह दुश्मन की निगाहों से बच सकता है। यह पोत सुपरसोनिक सतह-से-सतह और मीडियम रेंज सतह-से-हवा मिसाइलों से लैस है। इसकी ताकत इसे समुद्र में अलग-अलग खतरों से निपटने में अजेय बनाती है।

आईएनएस वाघशीर: गुप्त संचालन की महारथी पनडुब्बी
आईएनएस वाघशीर भारतीय नौसेना की स्कॉर्पीन-क्लास प्रोजेक्ट 75 के तहत निर्मित छठी और अंतिम डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी है। यह पनडुब्बी गुप्त संचालन के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई है और दुश्मन के इलाकों में बिना किसी शोर के अपने मिशन को अंजाम दे सकती है। 67 मीटर लंबी और 1,550 टन वजनी इस पनडुब्बी में वायर-गाइडेड टॉरपीडो, एंटी-शिप मिसाइल और उन्नत सोनार सिस्टम लगे हैं। भविष्य में इसे एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) तकनीक से और भी ज्यादा सक्षम बनाया जाएगा।

महिला अधिकारियों के लिए विशेष सुविधाएं
इन युद्धपोतों और पनडुब्बी में महिला अधिकारियों और नाविकों के लिए विशेष सुविधाएं प्रदान की गई हैं। यह कदम भारतीय नौसेना में समानता और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

भारतीय नौसेना की ताकत में वृद्धि
आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरि और आईएनएस वाघशीर के शामिल होने से भारतीय नौसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। ये युद्धपोत न केवल भारत के समुद्री हितों की रक्षा करेंगे, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारतीय नौसेना की प्रतिष्ठा को भी मजबूत करेंगे। स्वदेशी निर्माण के इन अद्भुत उदाहरणों ने भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को एक नई ऊंचाई दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि इन युद्धपोतों का समर्पण भारतीय रक्षा क्षेत्र को मजबूती प्रदान करेगा और समुद्री सुरक्षा को नई दिशा देगा।

निष्कर्ष
भारतीय नौसेना को ये तीन युद्धपोत सौंपे जाने से देश की सामरिक क्षमता में बड़ा इजाफा होगा। ये न केवल भारत के समुद्री हितों को सुरक्षित रखेंगे बल्कि वैश्विक मंच पर भारत को एक मजबूत समुद्री ताकत के रूप में स्थापित करेंगे।

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