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पंजाब के किसानों का आंदोलन तेज, 111 किसान आमरण अनशन पर बैठेंगे

पंजाब के प्रदर्शनकारी किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन को और तेज कर दिया है। किसानों ने घोषणा की है कि बुधवार से 111 किसानों का एक जत्था काले कपड़े पहनकर आमरण अनशन पर बैठेगा। यह अनशन शांतिपूर्ण तरीके से पुलिस बैरिकेडिंग के पास शुरू होगा। इस बीच, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन को मंगलवार को 50 दिन पूरे हो गए हैं। डल्लेवाल की सेहत बिगड़ती जा रही है, और अब उन्हें पानी पीने में भी कठिनाई हो रही है।

डल्लेवाल की बिगड़ती हालत
किसानों के अनुसार, जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 50 दिनों से कुछ भी नहीं खा रहे हैं और केवल पानी पी रहे थे। लेकिन अब उनकी हालत गंभीर हो चुकी है। डल्लेवाल का इलाज कर रहे चिकित्सकों का कहना है कि उनकी सेहत हर दिन खराब हो रही है। किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि किसानों का मानना है कि वे डल्लेवाल के बलिदान से पहले अपना बलिदान देंगे।

आमरण अनशन की शुरुआत
किसानों ने घोषणा की है कि 111 किसानों का एक समूह बुधवार अपराह्न दो बजे से आमरण अनशन पर बैठेगा। ये सभी किसान काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन करेंगे और शांतिपूर्वक अपनी मांगों के समर्थन में धरना देंगे। किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

राकेश टिकैत का अल्टीमेटम
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने भी आंदोलन को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने सोमवार को किसानों के साथ एक बैठक की, जिसके बाद उन्होंने कहा कि देश में बड़े किसान आंदोलन की जरूरत है। टिकैत ने सरकार को 18 जनवरी तक का समय दिया है और कहा है कि अगर सरकार कोई बड़ा कदम नहीं उठाती, तो किसान देशभर में उनके खिलाफ मोर्चा खोल देंगे।

26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली की तैयारी
टिकैत ने यह भी बताया कि 26 जनवरी को चार साल से चली आ रही परंपरा के तहत किसान ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। उन्होंने कहा कि किसान अपने अधिकारों के लिए फिर से सड़कों पर उतरने को तैयार हैं।

किसानों का संकल्प
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि यह आंदोलन किसानों के हक और अधिकारों की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि डल्लेवाल के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा और जब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी नहीं दी जाती, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा।

सरकार पर बढ़ता दबाव
किसानों के इस कड़े रुख और डल्लेवाल की बिगड़ती हालत ने सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। अब देखना होगा कि सरकार 18 जनवरी से पहले क्या कदम उठाती है।

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