रायबरेली या वायनाड: राहुल गांधी का फैसला आज

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के पास अब मात्र एक दिन का समय बचा है। उन्हें रायबरेली और वायनाड में से एक सीट को चुनना होगा। राहुल गांधी ने हाल ही में संपन्न हुए चुनावों में दोनों सीटों से भारी मतों से जीत हासिल की है। रायबरेली से वह 3 लाख 90 हजार मतों से और वायनाड से 3 लाख 64 हजार मतों से जीते हैं।
नियमानुसार सीट का चयन अनिवार्य
चुनाव परिणाम आने के 14 दिनों के भीतर राहुल गांधी को एक सीट छोड़नी होगी। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं, तो नियमानुसार दोनों सीटें रिक्त मानी जाएंगी। इसका मतलब है कि उन्हें 18 जून तक किसी एक सीट से इस्तीफा देना होगा। इस्तीफा देने के लिए उन्हें लोकसभा अध्यक्ष को लिखित रूप में आवेदन देना होगा।
इस्तीफे की प्रक्रिया और उपचुनाव
लोकसभा महासचिव द्वारा इस्तीफा स्वीकारने के बाद इसे लोकसभा के बुलेटिन या गजट में प्रकाशित किया जाएगा और इसकी एक कॉपी चुनाव आयोग को भेजी जाएगी। चुनाव आयोग उस सीट को रिक्त मानते हुए वहां उपचुनाव की अधिसूचना जारी करेगा। इस्तीफा देने के 6 महीने के अंदर उस सीट से उपचुनाव कराना आवश्यक है।
क्या वायनाड सीट छोड़ेंगे राहुल गांधी?
राहुल गांधी के ऑफिस ने इस बारे में सारी जानकारी लोकसभा सचिवालय से प्राप्त कर ली है। बताया जा रहा है कि, राहुल गांधी वायनाड सीट छोड़ सकते हैं और वहां होने वाले उपचुनाव में प्रियंका गांधी के नाम की अटकलें तेज हो गई हैं। हालांकि, प्रियंका गांधी वहां से चुनाव लड़ेंगी या नहीं, इस पर सस्पेंस अभी भी बना हुआ है।
रायबरेली: गांधी परिवार की पारंपरिक सीट
रायबरेली सीट गांधी परिवार की पारंपरिक सीट मानी जाती है। पिछली बार इस सीट का प्रतिनिधित्व उनकी मां सोनिया गांधी ने किया था। इस बार उन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा बल्कि राज्यसभा सदस्य बनीं।
राहुल गांधी की दुविधा
राहुल गांधी ने अपने मतदाताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा था कि वह दुविधा में हैं कि कौन सी सीट रखें और कौन सी छोड़ें। उन्होंने कहा कि जो भी फैसला लेंगे, उससे सभी को खुशी होगी। उनके इस बयान के बाद से ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि, वह वायनाड सीट से प्रियंका गांधी वाड्रा को चुनाव लड़वा सकते हैं।
पार्टी के हित में वायनाड छोड़ने की संभावना
कलपेट्टा की जनसभा में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के सुधाकरन ने कहा था कि राहुल गांधी पार्टी के हित में वायनाड सीट खाली करेंगे।
अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि राहुल गांधी कौन सी सीट छोड़ेंगे। उनका यह फैसला न सिर्फ उनके राजनीतिक भविष्य को प्रभावित करेगा, बल्कि कांग्रेस पार्टी की रणनीति पर भी गहरा प्रभाव डालेगा। राहुल गांधी के इस अहम निर्णय का इंतजार पूरे देश को है।
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