बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का इस्तीफा और ब्रिटेन में शरण की कोशिश
बांग्लादेश में बढ़ते छात्र आंदोलन के चलते इस्तीफा
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को छात्र आंदोलन और बढ़ते विरोध के कारण प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। फिलहाल, शेख हसीना भारत में हैं।
ब्रिटेन में शरण लेने की कोशिशें
शेख हसीना के ब्रिटेन में शरण लेने की खबरें सामने आई हैं। हालांकि, एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन के गृह मंत्रालय का कहना है कि ब्रिटिश आव्रजन नियम किसी व्यक्ति को शरण या अस्थायी शरण लेने के लिए उस देश की यात्रा करने की अनुमति नहीं देते हैं।
ब्रिटेन के गृह मंत्रालय का बयान
ब्रिटेन के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि, “जिन लोगों को अंतर्राष्ट्रीय संरक्षण जरूरी है, उन्हें सबसे पहले सुरक्षित देश में शरण लेनी चाहिए। यह सुरक्षा का सबसे तेज़ रास्ता है।” हालांकि औपचारिक शरण अनुरोध पर कार्रवाई की जा रही है।
बांग्लादेश में हिंसा की जांच की मांग
ब्रिटिश सरकार ने बांग्लादेश में पिछले कुछ हफ़्तों में हुई हिंसक घटनाओं की संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में जांच की मांग की है। इस हिंसा के कारण शेख हसीना कथित तौर पर ब्रिटेन में शरण मांगने से पहले “फिलहाल के लिए” भारत रवाना हो गईं। वर्तमान में, शेख हसीना दिल्ली के एक सुरक्षित स्थान पर हैं।
ब्रिटिश सरकार का रुख
ब्रिटिश के विदेश सचिव डेविड लैमी ने बांग्लादेश में पिछले दो हफ़्तों में हुई हिंसा और जानमाल की हानि की निंदा की है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन की कोशिश है कि बांग्लादेश के शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई की जाए। सरकार ने हसीना की ओर से ब्रिटेन में राजनीतिक शरण मांगने की रिपोर्टों पर कोई टिप्पणी नहीं की है। गृह मंत्रालय ने यह संकेत दिया है कि देश के आव्रजन नियम विशेष रूप से व्यक्तियों को शरण लेने के लिए ब्रिटेन की यात्रा करने की अनुमति नहीं देते हैं।
“पहले सुरक्षित देश में” शरण लेनी चाहिए
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सर कीर स्टारमर ने हाल ही में कहा था कि शरण चाहने वाले लोगों को “पहले सुरक्षित देश में” शरण लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, “ब्रिटेन के पास जरूरतमंद लोगों को सुरक्षा प्रदान करने का रिकॉर्ड रहा है। हालांकि, किसी को शरण या अस्थायी शरण लेने के लिए ब्रिटेन की यात्रा करने की अनुमति देने का कोई प्रावधान नहीं है।”
निष्कर्ष
शेख हसीना की ब्रिटेन में शरण लेने की कोशिशें फिलहाल अनिश्चित हैं। बांग्लादेश की बिगड़ती स्थिति और राजनीतिक अस्थिरता के बीच, भारत और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस मामले पर करीबी नजर रखनी होगी। बांग्लादेश में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और समर्थन की आवश्यकता है। इस बीच, शेख हसीना के भारत में अस्थायी प्रवास और ब्रिटेन में शरण की अटकलों के बीच, बांग्लादेश के भविष्य को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आगामी समय में बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिति कैसे बदलती है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय कैसे प्रतिक्रिया देता है।
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