सैमसंग चेन्नई प्लांट में मजदूरों की हड़ताल: वेतन वृद्धि और यूनियन की मान्यता की मांग पर संघर्ष
चेन्नई स्थित सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में लगभग एक महीने से मजदूर अपनी वेतन वृद्धि और यूनियन की मान्यता की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। इस हड़ताल का नेतृत्व सैमसंग इंडिया वर्कर्स यूनियन (SIWU) – सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (CITU) कर रहा है। यह हड़ताल कंपनी के उत्पादन पर भारी असर डाल रही है, जिससे त्योहारी सीजन के दौरान उत्पादन में 80 प्रतिशत की गिरावट आई है। इस सीजन में घरेलू उपकरणों की बिक्री काफी महत्वपूर्ण होती है, और हड़ताल ने सैमसंग के कारोबार को गहरा झटका दिया है।
मजदूरों की प्रमुख मांगें
सैमसंग के तमिलनाडु स्थित प्लांट में लगभग 1,800 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें से 1,000 से अधिक कर्मचारी 9 सितंबर से हड़ताल पर हैं। हड़ताली मजदूरों की प्रमुख मांगों में शामिल हैं:
- यूनियन की आधिकारिक मान्यता।
- तीन साल के भीतर वेतन वृद्धि को ₹36,000 तक बढ़ाने की मांग।
- शिफ्ट भत्ता ₹150 से बढ़ाकर ₹250 करने की मांग।
- पितृत्व अवकाश को 3 दिन से बढ़ाकर 7 दिन करने की मांग।
- समान योग्यता और जिम्मेदारियों वाले कर्मचारियों को समान वेतन की व्यवस्था।
सैमसंग इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड, जो 2007 में स्थापित हुआ था, पिछले 16 वर्षों से बिना यूनियन के काम कर रहा था। हालांकि, पिछले साल सैमसंग इंडिया वर्कर्स यूनियन की स्थापना हुई, लेकिन इसे अब तक कंपनी से आधिकारिक मान्यता नहीं मिली है।
सैमसंग की हड़ताल-तोड़ने की रणनीति
पिछले महीने, सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने अपने हड़ताली मजदूरों को चेतावनी दी थी कि यदि वे विरोध जारी रखते हैं, तो उन्हें वेतन नहीं दिया जाएगा और नौकरी से निकाले जाने का भी खतरा होगा। इसके बाद, कंपनी ने हड़ताल को तोड़ने के लिए नर्म रणनीतियां भी अपनानी शुरू कीं।
मिठाई और फलों से मनाने की कोशिश
सैमसंग ने हड़ताली मजदूरों को फलों और चॉकलेट्स के साथ “स्नैक्स किट्स” भेजना शुरू किया, ताकि वे हड़ताल छोड़ दें। इसके साथ ही, कंपनी के अधिकारी मजदूरों के परिवारों से मिलकर उन्हें हड़ताल में हिस्सा लेने से हतोत्साहित करने की कोशिश कर रहे हैं। सैमसंग के एक कर्मचारी, जो पिछले 8 सालों से कंपनी में काम कर रहे हैं, ने बताया, “वे हमारे घरों में ‘स्नैक्स किट्स’ भेज रहे हैं, हमारे परिवारों को बुलाकर और उनसे मिलकर हड़ताल में भाग लेने से हतोत्साहित कर रहे हैं।”
एकमुश्त बोनस का प्रलोभन
इसके अलावा, कंपनी ने हड़ताली कर्मचारियों को एकमुश्त बोनस की पेशकश भी की है। सैमसंग मजदूरों को यूनियन से दूर करने के लिए एकमुश्त बोनस और अन्य लाभों का प्रस्ताव दे रही है, लेकिन इसके बावजूद कर्मचारी कंपनी की इस पेशकश से प्रभावित नहीं हो रहे हैं। तमिलनाडु CITU के डिप्टी जनरल सेक्रेटरी एस. कन्नन ने कहा, “कंपनी बोनस और अन्य प्रलोभनों से कर्मचारियों को लुभाने की कोशिश कर रही है, लेकिन सैमसंग के मजदूर इस समिति से असंतुष्ट हैं और यूनियन के समर्थन में डटे हुए हैं।”
निष्कर्ष
सैमसंग चेन्नई प्लांट में चल रही यह हड़ताल केवल वेतन वृद्धि और लाभों के लिए नहीं है, बल्कि यह मजदूरों के अधिकारों और यूनियन की मान्यता के लिए संघर्ष का प्रतीक है। सैमसंग की हड़ताल-तोड़ने की कोशिशें, चाहे वह बोनस का प्रलोभन हो या परिवारों पर दबाव, मजदूरों के संघर्ष को कमजोर करने में अब तक नाकाम रही हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी और मजदूरों के बीच यह संघर्ष कब और कैसे सुलझता है, और इसका सैमसंग के कारोबार पर क्या प्रभाव पड़ता है।
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