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भारतीय रेल में त्योहारों की भीड़ का नज़ारा: जनरल कोच में चारपाई से लेकर टॉयलेट में बिस्तर तक, सफर की मजबूरी का उदाहरण

भारतीय रेल देश में परिवहन का सबसे सस्ता और तेज साधन माना जाता है। यही वजह है कि दिवाली और छठ जैसे बड़े त्योहारों पर घर जाने के लिए ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ उमड़ पड़ती है। हर साल आमतौर पर वेटिंग लिस्ट लंबी हो जाती है और जनरल कोच में लोगों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। लोग जनरल डिब्बों में इस तरह ठूंस दिए जाते हैं जैसे भेड़-बकरियों को बांध दिया गया हो। इस साल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कुछ वीडियो और तस्वीरें रेलवे में यात्रा की असुविधा और भीड़भाड़ की गंभीर स्थिति को दिखा रहे हैं, जो त्योहारों पर घर जाने की मजबूरी और भारतीय रेल की सीमाओं का एक कड़वा सच हैं।

जनरल कोच में रस्सी से बनाई चारपाई: भीड़ की मजबूरी का नज़ारा
इस बार सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा एक वीडियो लोगों के लिए चर्चा का विषय बन गया है। इस वीडियो में एक शख्स जनरल कोच में जगह की कमी के चलते अपने लिए एक अस्थायी चारपाई बनाते हुए देखा जा सकता है। जनरल कोच की दोनों ऊपरी रैक का सहारा लेते हुए शख्स ने रस्सी बांधकर एक चारपाई तैयार कर ली है, ताकि वह थोड़ी राहत से सफर कर सके। इस वीडियो को देखने के बाद किसी को भी यह एहसास हो सकता है कि त्योहारों के समय घर जाने की मजबूरी में लोग कितनी असुविधाओं का सामना करते हैं।

https://twitter.com/isambhava/status/1853376693593113085

टॉयलेट में बिस्तर लगाकर सोते यात्री
दिवाली के अवसर पर ट्रेन में सफर करने वालों की हालत का एक और उदाहरण सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। एक तस्वीर में देखा गया कि कुछ यात्री इतनी भीड़ होने के कारण ट्रेन के टॉयलेट में बिस्तर लगाकर सो रहे हैं। यह नजारा दर्शाता है कि लोग चाहे कितनी भी असुविधा हो, त्योहारों पर अपने घर जाने का कोई मौका नहीं छोड़ते। ट्रेन के अन्य हिस्सों में जगह न मिलने के कारण, कई लोग इस प्रकार टॉयलेट जैसी जगहों का भी सहारा ले रहे हैं, जिससे उनकी यात्रा में थोड़ी राहत मिल सके।

https://twitter.com/JahanZaibb_/status/1853501690005295226

त्योहारों पर भारतीय रेल का हाल: घुटन भरे सफर की हकीकत
दिवाली और छठ जैसे त्योहारों के दौरान ट्रेनों में भीड़ का ऐसा आलम है कि किसी को देखने मात्र से ही घुटन का एहसास होने लगता है। ट्रेन के जनरल कोच में ठूंसे गए लोगों के कारण किसी को बैठने तक की जगह नहीं मिलती। यह हालात न केवल असुविधाजनक हैं, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से भी गंभीर चिंता का विषय हैं। भारतीय रेल की ओर से अतिरिक्त ट्रेनों का प्रबंध और टिकट बुकिंग सिस्टम को सुधारने की कोशिशें की जाती हैं, परंतु भीड़ का यह हाल हमें रेलवे की सीमाओं का भी एहसास कराता है।

https://twitter.com/ranijat1991/status/1852925707686388216

रेलवे की व्यवस्था और सुधार की आवश्यकता
हर साल त्योहारों के समय रेलवे का यही हाल होता है, जिससे निपटने के लिए भारतीय रेल को अपनी व्यवस्थाओं को और मजबूत बनाने की जरूरत है। अधिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन, आरक्षित सीटों की संख्या बढ़ाना और वेटिंग लिस्ट को कम करने जैसे उपायों से यात्रियों की समस्याओं को काफी हद तक हल किया जा सकता है। इसके अलावा, जनरल डिब्बों की संख्या बढ़ाने और अधिक सुविधाजनक यात्रा अनुभव के लिए सुधार करने की आवश्यकता है।

निष्कर्ष
भारतीय रेल में त्योहारों के अवसर पर बढ़ती भीड़ का यह नजारा न केवल असुविधा का प्रतीक है, बल्कि देश में रेल परिवहन की बढ़ती मांग और संसाधनों की सीमाओं का भी स्पष्ट संकेत है। ऐसे दृश्य हर साल हमारे सामने आते हैं, और इनका समाधान निकालने के लिए सरकार और रेलवे विभाग को गंभीरता से कदम उठाने की जरूरत है। चाहे असुविधा कितनी भी हो, त्योहारों के दौरान अपने घर जाने का यह जज़्बा भारतीय जनता का अद्वितीय पक्ष है, जो हमें भारतीय संस्कृति की गहराई और आपसी जुड़ाव का एहसास कराता है।

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