मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने दिया आशीर्वाद, गाय को माता कहने पर की सराहना
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को भयंदर में आयोजित ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के भागवत सत्संग और सनातन सम्मेलन में भाग लिया। इस कार्यक्रम से जुड़ी कई तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं, जिनमें शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, मुख्यमंत्री शिंदे को आशीर्वाद देते हुए नजर आ रहे हैं। खास बात यह रही कि इस दौरान एकनाथ शिंदे के हाथ में शिवसेना का आधिकारिक चुनाव चिह्न तीर और धनुष भी देखा गया।
गाय को माता कहने पर एकनाथ शिंदे की प्रशंसा
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री शिंदे के एक महत्वपूर्ण कदम की सराहना की। उन्होंने कहा, “गाय को माता कहने की पहल कोई साधारण बात नहीं है। 78 साल से यह उम्मीद थी, और यह काम एकनाथ शिंदे ने कर दिखाया। कैबिनेट प्रस्ताव के जरिए उन्होंने गाय को माता का दर्जा दिलाया है, जो एक बड़ा कदम है।”
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने उद्धव ठाकरे से भी की थी मुलाकात
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का यह बयान ऐसे समय में आया है जब उन्होंने कुछ महीने पहले जुलाई में उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी। उस समय उन्होंने कहा था कि जब तक उद्धव ठाकरे फिर से मुख्यमंत्री नहीं बन जाते, उन्हें शांति नहीं मिलेगी। हालांकि, अब उन्होंने मुख्यमंत्री शिंदे के गाय को माता कहने के फैसले की खुलकर तारीफ की है और इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।
सीएम शिंदे ने दिखाई हिम्मत
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मुख्यमंत्री शिंदे की तारीफ करते हुए कहा, “78 साल से कई मुख्यमंत्री आए और गए, लेकिन जो हिम्मत एकनाथ शिंदे ने दिखाई, वह बाकी किसी ने नहीं दिखाई। रामधारी सिंह दिनकर ने भी कहा था कि तेजस्वी लोग अपना सम्मान गोत्र बताकर नहीं, बल्कि कर्तव्य दिखाकर प्राप्त करते हैं। शिंदे ने आचार्यों का आशीर्वाद प्राप्त करके यह सिद्ध कर दिया कि वह एक सच्चे नेता हैं।”
गाय का बेटा कहा एकनाथ शिंदे को
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने शिंदे को ‘गाय का बेटा’ कहकर संबोधित किया और कहा, “गाय तो माता है, लेकिन बेटा कौन है? बेटा अब सामने आया है, और वह बेटा है एकनाथ शिंदे।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि “सीएम का मतलब सिर्फ चीफ मिनिस्टर नहीं, बल्कि काउज मैन (गाय का रखवाला) भी है।”
निष्कर्ष
यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के लिए न केवल धार्मिक आशीर्वाद का अवसर बना, बल्कि उन्हें अपने फैसलों के लिए सराहना भी मिली। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने शिंदे की हिम्मत और उनके कदमों की प्रशंसा की, विशेषकर गाय को माता का दर्जा दिलाने के लिए। इस दौरान शिवसेना के चुनाव चिह्न तीर और धनुष के साथ शिंदे का दिखना भी महत्वपूर्ण राजनीतिक संदेश देता है।
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