नेपाल-तिब्बत सीमा पर भूकंप के तेज झटके, भारत के कई राज्यों में महसूस हुई कंपन

मंगलवार, 7 जनवरी की सुबह देश के कई हिस्सों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में लोग अचानक कंपन महसूस कर अपने घरों से बाहर निकल आए। भूकंप का केंद्र नेपाल-चीन सीमा के पास तिब्बत में स्थित डिंगे कांती क्षेत्र बताया जा रहा है, जहां इसकी तीव्रता 7.1 रिक्टर स्केल मापी गई।
उत्तर भारत में महसूस किए गए झटके
पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में सुबह 6:37 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए, जो करीब 15 सेकंड तक जारी रहे। इसके अलावा जलपाईगुड़ी और कूच बिहार में भी कंपन दर्ज किया गया। बिहार में भूकंप की तीव्रता 5.1 मापी गई। पटना, समस्तीपुर और मोतिहारी समेत कई जिलों में सुबह 6:40 बजे धरती हिली। झटके इतने तेज थे कि लोग दहशत में घरों से बाहर निकल आए। बिहार के कई हिस्सों में कंपन लगभग 5 सेकंड तक महसूस किया गया।
दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश में भी भूकंप के हल्के झटके महसूस हुए। हालांकि, इन इलाकों में किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। अधिकारियों ने लोगों से सतर्क और सुरक्षित रहने की अपील की है।
नेपाल और तिब्बत में केंद्रित था भूकंप
नेपाल सरकार के भूवैज्ञानिक विभाग ने पुष्टि की है कि भूकंप का केंद्र नेपाल-चीन सीमा के तिब्बत क्षेत्र में डिंगे कांती था। नेपाल में भूकंप की तीव्रता 7.0 मापी गई। सुबह 6:35 बजे आए इस भूकंप से नेपाल का पूर्वी और मध्य क्षेत्र बुरी तरह हिल गया। काठमांडू में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए।
नेपाल की राजधानी काठमांडू में सुबह-सुबह झटकों से लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। कई स्थानों पर शोर और अफरा-तफरी का माहौल रहा। नेपाल में लंबे समय बाद ऐसा तेज भूकंप महसूस किया गया। हालांकि, अभी तक नुकसान या हताहतों की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है।
भूकंप से नुकसान का आकलन जारी
अब तक नेपाल और भारत में भूकंप से किसी बड़े नुकसान या हताहत होने की खबर नहीं है। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। भारत और नेपाल दोनों देशों ने सतर्कता बढ़ा दी है और लोगों से शांत रहने की अपील की है।
भूकंप से जुड़े तथ्य
भूकंप के झटके आमतौर पर अचानक आते हैं और बड़े स्तर पर तबाही मचा सकते हैं। नेपाल और हिमालयी क्षेत्र में भूकंप आना भूगर्भीय दृष्टि से सामान्य है, क्योंकि यह क्षेत्र टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल का केंद्र है। ताजा भूकंप के झटके ने एक बार फिर इन इलाकों की भूकंपीय संवेदनशीलता को उजागर किया है।
सुरक्षा के लिए सुझाव
- भूकंप के झटकों के दौरान खुले स्थान पर जाएं।
- इमारतों से दूर रहें और सुरक्षित स्थान पर शरण लें।
- अफवाहों से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
अधिकारियों की सतर्कता
नेपाल और भारत में प्रशासन भूकंप से जुड़ी स्थिति पर निगरानी रख रहा है। किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन विभाग अलर्ट पर हैं।
निष्कर्ष
नेपाल-तिब्बत सीमा पर आए इस भूकंप ने उत्तर भारत के कई हिस्सों को भी हिला दिया। हालांकि, फिलहाल किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन इस घटना ने लोगों को सतर्क कर दिया है। आने वाले समय में भूकंप से जुड़ी जानकारी और राहत कार्यों पर नजर बनाए रखना महत्वपूर्ण होगा।
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