स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा नहीं फहराने पर सुनीता केजरीवाल की नाराजगी, कहा- तानाशाही से देशप्रेम को नहीं रोका जा सकता
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने स्वतंत्रता दिवस पर सीएम आवास पर तिरंगा नहीं फहराने को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा कि “आज सीएम आवास पर तिरंगा नहीं फहराया गया, जो बहुत अफसोस की बात है। यह तानाशाही एक चुने हुए मुख्यमंत्री को जेल में रख सकती है, लेकिन दिल में देशप्रेम को कैसे रोक पाएगी।”
हिसार के बेटे अरविंद केजरीवाल पर सुनीता की गर्व भरी बातें
इससे पहले, हरियाणा के हिसार में 12 अगस्त को एक सियासी जनसभा को संबोधित करते हुए सुनीता केजरीवाल ने अपने पति अरविंद केजरीवाल को लेकर गर्व प्रकट किया था। उन्होंने कहा, “अरविंद केजरीवाल हरियाणा के लाल हैं, वह हिसार के बेटे हैं। कोई सपने में भी नहीं सोच सकता था कि हिसार का लड़का एक दिन दिल्ली का मुख्यमंत्री बन जाएगा। यह कोई इत्तेफाक नहीं हो सकता। मुझे लगता है कि भगवान आपके बेटे से कुछ बड़ा करवाना चाहते हैं।”
स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों पर आघात
दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक एक्स पोस्ट में कहा, “आज जब हम स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं, हमें याद रखना चाहिए कि 1947 में हमें अंग्रेजों की तानाशाही से आजादी मिली थी। सैंकड़ों स्वतंत्रता सेनानियों ने लाठियां खाईं, जेल गए, और अपनी जान की कुर्बानी दी। लेकिन शायद उनके सपनों में भी यह विचार नहीं आया होगा कि एक दिन, आजाद भारत में एक चुने हुए मुख्यमंत्री को झूठे मुकदमे में फंसा कर महीनों तक जेल में रखा जाएगा।”
तानाशाही के खिलाफ लड़ाई का प्रण
आतिशी ने कहा, “आइए, इस स्वतंत्रता दिवस पर हम यह प्रण लेते हैं कि हम आखिरी सांस तक तानाशाही के खिलाफ लड़ते रहेंगे।”
संजय सिंह की अरविंद केजरीवाल की याद
आप सांसद संजय सिंह ने भी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अरविंद केजरीवाल को याद किया। उन्होंने कहा, “भारत में शिक्षा और स्वास्थ्य के स्तर को बेहतर करने, बिजली और पानी को मुफ्त में मुहैया कराने और माताओं-बहनों के लिए बस यात्रा को फ्री कराने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल स्वतंत्रता दिवस के दिन भी जेल में हैं।”
निष्कर्ष
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जहां देशभर में आजादी का जश्न मनाया जा रहा था, वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गैर-मौजूदगी और सीएम आवास पर तिरंगा नहीं फहराने की बात को लेकर राजनीतिक बहस छिड़ गई। सुनीता केजरीवाल, आतिशी, और संजय सिंह के बयानों ने इस मुद्दे को और भी गरमा दिया है। तानाशाही के खिलाफ संघर्ष और देशप्रेम के जज्बे को लेकर किए गए इन बयानों ने लोगों के बीच एक बार फिर से लोकतंत्र और स्वतंत्रता की अहमियत को उजागर किया है।
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