मुंबई में वॉटर टैक्सी सेवा की तकनीकी-आर्थिक रिपोर्ट पेश, 10 रूटों पर चलेंगी सेवाएं, अनुमानित लागत ₹2,500 करोड़

मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR) में जलमार्ग परिवहन को बढ़ावा देने के लिए वॉटर टैक्सी सेवा की एक टेक्नो-इकोनॉमिक (तकनीकी-आर्थिक) स्टडी रिपोर्ट सोमवार को महाराष्ट्र सरकार को सौंपी गई। इस रिपोर्ट में कुल 10 प्रस्तावित रूट, जिनकी लंबाई 252 किलोमीटर है, पर ₹2,500 करोड़ की अनुमानित पूंजीगत लागत से वॉटर टैक्सी सेवा शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया है।
पश्चिमी समुद्री तट पर और रूटों की तैयारी
इस बैठक में मुंबई के पश्चिमी समुद्री तट पर भी अतिरिक्त वॉटर टैक्सी मार्ग शुरू करने को लेकर चर्चा हुई। राज्य के बंदरगाह मंत्री नितेश राणे की अध्यक्षता में यह रिपोर्ट कोच्चि वॉटर मेट्रो द्वारा तैयार कर प्रस्तुत की गई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने से पहले और रूट जोड़े जाएंगे।
“रिपोर्ट में वर्ली, जुहू और वर्सोवा जैसे मुंबई के महत्वपूर्ण मार्गों को शामिल नहीं किया गया है। इन्हें भी शामिल कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी,” अधिकारी ने बताया।
प्रस्तावित 10 रूट इस प्रकार हैं:
- नरंगी – खारवडेवरी (विरार के पास) – 1 किमी
- वसई – मीरा-भायंदर – फाउंटेन जंक्शन – गाइमुख – नागले – 16 किमी
- काल्हेर – कोलशेत – मुलुंड – ऐरोली – वाशी – DCT – गेटवे ऑफ इंडिया – 50 किमी
- गाइमुख – कोलशेत – काल्हेर – मुंब्रा – कल्याण – 31 किमी
- नया एयरपोर्ट – बेलापुर – वाशी – 14 किमी
- वसई – मार्वे – नरिमन पॉइंट – 61 किमी
- बोरीवली – गोराई – एसेल वर्ल्ड – मार्वे – मणोरी – 6 किमी
- रेवास – करंजा – गेटवे ऑफ इंडिया – 19 किमी
- बेलापुर – गेटवे – मांडवा – 38 किमी
- गेटवे – एलीफेंटा – न्हावा – 17 किमी
5 रूट 2029 के बाद होंगे लाभदायक, 2 को चाहिए सरकारी मदद
रिपोर्ट में बताया गया है कि इन 10 मार्गों में से 5 रूट 2029 के बाद आर्थिक रूप से लाभदायक हो सकते हैं, जबकि 2 रूटों को संचालन योग्य बनाने के लिए सरकार से Viability Gap Funding (VGF) की आवश्यकता होगी।
आधारभूत ढांचे की जरूरतें और यात्री आंकड़े
- अनुमान के अनुसार, 2031 तक 2.44 लाख यात्राएं, जबकि 2041 तक 3.42 लाख यात्राएं प्रतिदिन इन मार्गों पर होंगी।
- प्रत्येक टर्मिनल के उन्नयन की लागत लगभग ₹5 करोड़ अनुमानित की गई है।
रिपोर्ट में बताए गए आधारभूत ढांचे में शामिल हैं:
- यात्री सुविधाओं से युक्त टर्मिनल/जेटी
- फ्लोटिंग पॉनटून और गैंगवे
- नावों के रखरखाव व मरम्मत के लिए बोटयार्ड
- रात में पार्किंग और ईंधन भरने की सुविधा वाले जेटी
- पहुँच मार्ग और पार्किंग का विकास
- गैर-मोटर चालित परिवहन (NMT) के लिए सुविधाएं
निष्कर्ष:
मुंबई जैसे भीड़भाड़ वाले शहर में वॉटर टैक्सी सेवा एक पर्यावरण अनुकूल और समय बचाने वाला विकल्प बन सकती है। ₹2,500 करोड़ की लागत से प्रस्तावित यह परियोजना न केवल यातायात का बोझ कम कर सकती है, बल्कि शहरी मोबिलिटी में नया अध्याय जोड़ सकती है। अगर सरकार द्वारा सुझाए गए अतिरिक्त रूटों को समय पर जोड़ा गया और आवश्यक सहायता दी गई, तो आने वाले वर्षों में यह सेवा मुंबई की जीवनरेखा बन सकती है।
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