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तेज प्रताप यादव ने पायलट बनने की जताई इच्छा, लाइसेंस पोस्ट कर बोले – देश के लिए जान भी कुर्बान

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा पाकिस्तान और पीओके में की गई मिसाइल स्ट्राइक (ऑपरेशन सिंदूर) के बाद देशभर में देशभक्ति की लहर दौड़ पड़ी है। इस बीच आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने एक चौंकाने वाला बयान देते हुए खुद को देश की सेवा के लिए समर्पित बताया है।

“देश के लिए जान भी दे दूं तो खुद को सौभाग्यशाली समझूंगा” – तेज प्रताप यादव
तेज प्रताप यादव ने बुधवार रात अपने एक्स हैंडल पर पायलट की वर्दी में एक फोटो साझा की और लिखा:

“पायलट की ट्रेनिंग अगर देश के काम आ सकती है तो, मैं तेज प्रताप यादव हर समय देश की सेवा के लिए तत्पर हूं। आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि मैंने भी पायलट की ट्रेनिंग ले रखी है और देश के लिए मेरी जान भी चली जाए तो अपने आपको भाग्यशाली समझूंगा। जय हिंद।”

उन्होंने अपने ‘फ्लाइट रेडियो टेलीफोन ऑपरेटर (रिस्ट्रिक्टेड)’ लाइसेंस की तस्वीर भी पोस्ट की।

यूजर्स ने तेज प्रताप को घेरा, उठाए सवाल
तेज प्रताप की यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और यूजर्स ने उनकी पायलट बनने की दावेदारी पर सवाल खड़े कर दिए।

एक यूजर प्रवीण ने लिखा:

“तेज प्रताप यादव के पास जो लाइसेंस है, वह सिर्फ रेडियो संचालन (communication) के लिए है, न कि विमान उड़ाने के लिए। वह तकनीकी रूप से पायलट नहीं हैं क्योंकि उनके पास DGCA से मान्यता प्राप्त पायलट लाइसेंस नहीं है।”

एक अन्य यूजर ने तंज कसते हुए लिखा:

“या तो किसी ने इन्हें बेवकूफ बनाकर पायलट कहके रेडियो ऑपरेटर बना दिया या फिर इन्हें लगता है कि इनकी तरह बाकी दुनिया को भी अंग्रेजी नहीं आती।”

एक तीसरे यूजर ने तीखा कटाक्ष करते हुए कहा:

“आपका जज्बा काबिले तारीफ है तेज प्रताप जी, लेकिन अगर आपको फाइटर जेट सौंप दिया गया, तो शायद एक जेट कम हो जाएगा!”

क्या है FRTO लाइसेंस?
जिस लाइसेंस की तस्वीर तेज प्रताप यादव ने साझा की है वह FRTO (Flight Radio Telephony Operator – Restricted) लाइसेंस है, जो सिर्फ रेडियो संचार के संचालन के लिए होता है, न कि पायलटिंग के लिए। किसी व्यक्ति को विमान उड़ाने के लिए भारत में DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) से CPL (Commercial Pilot License) या PPL (Private Pilot License) लेना अनिवार्य होता है।

राजनीतिक बयान या देशभक्ति का इज़हार?
जहां कुछ लोग तेज प्रताप यादव के इस बयान को देशभक्ति से ओत-प्रोत मान रहे हैं, वहीं कुछ इसे राजनीतिक स्टंट बता रहे हैं। फिलहाल तेज प्रताप की पोस्ट ने सोशल मीडिया पर बहस जरूर छेड़ दी है – क्या यह देशसेवा की भावना है या राजनीतिक पब्लिसिटी का प्रयास?

निष्कर्ष
भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने जहां देश की ताकत का लोहा मनवाया है, वहीं तेज प्रताप यादव जैसे नेताओं की प्रतिक्रिया ने इस राष्ट्रीय चर्चा को एक अलग मोड़ दे दिया है। देश के मौजूदा माहौल में इस तरह के दावे पर तकनीकी सटीकता और ज़िम्मेदारी की भी उतनी ही जरूरत है जितनी भावना की।

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