अमेरिका में प्रवासियों पर कड़ा फैसला: ट्रंप प्रशासन ने 530,000 अप्रवासियों का कानूनी संरक्षण किया समाप्त

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका में प्रवासी नीति को लेकर एक बड़ा और सख्त फैसला लिया है, जिसके तहत क्यूबा, हैती, निकारागुआ और वेनेज़ुएला के 5.3 लाख अप्रवासियों का कानूनी संरक्षण रद्द कर दिया गया है। इस निर्णय के बाद इन अप्रवासियों को 24 अप्रैल के बाद अमेरिका छोड़ना पड़ सकता है, जिससे बड़े पैमाने पर निर्वासन का खतरा पैदा हो गया है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
अमेरिकी होमलैंड सुरक्षा विभाग ने घोषणा की कि जो अप्रवासी अक्टूबर 2022 में फाइनेंशियल स्पॉन्सर के जरिए अमेरिका आए थे, उनका पैरोल स्टेटस समाप्त कर दिया जाएगा। ये अप्रवासी अब तक अमेरिका में रहने और काम करने के लिए दो साल के परमिट पर थे, लेकिन अब उनका कानूनी दर्जा खत्म हो चुका है।
ट्रंप प्रशासन ने यह कदम अवैध प्रवासियों के खिलाफ अपनी सख्त नीति के तहत उठाया है। सरकार का तर्क है कि मानवीय पैरोल सिस्टम का व्यापक दुरुपयोग हुआ है, और इस वजह से इसे समाप्त करने की जरूरत पड़ी।
क्या होता है मानवीय पैरोल सिस्टम?
मानवीय पैरोल सिस्टम एक कानूनी व्यवस्था है, जिसके तहत युद्ध, राजनीतिक अस्थिरता या अन्य मानवीय संकट झेल रहे देशों के लोगों को अमेरिका में अस्थायी निवास की अनुमति दी जाती है।
- पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने कार्यकाल में इस सिस्टम के तहत क्यूबा, हैती, निकारागुआ और वेनेज़ुएला के लोगों को अमेरिका में प्रवेश की अनुमति दी थी।
- ट्रंप प्रशासन ने इस सिस्टम पर कानूनी सीमाओं के उल्लंघन और दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए इसे समाप्त करने का निर्णय लिया है।
- 24 अप्रैल 2025 के बाद, इन अप्रवासियों को अमेरिका छोड़ना होगा।
ट्रंप प्रशासन की अप्रवासी नीति
डोनाल्ड ट्रंप हमेशा से अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते रहे हैं।
- ट्रंप प्रशासन का कहना है कि बाइडेन सरकार द्वारा शुरू किया गया पैरोल प्रोग्राम अवैध था, और इसी कारण जनवरी 2025 में एक कार्यकारी आदेश जारी कर इसे समाप्त कर दिया गया।
- अब तक, रिकॉर्ड संख्या में अवैध अप्रवासियों को अमेरिका से निकाला जा चुका है।
- यह फैसला अमेरिकी सरकार की कड़ी अप्रवासी नीति को दर्शाता है, जो विशेष रूप से उन देशों से आए प्रवासियों को प्रभावित करता है, जिनके साथ अमेरिका के राजनयिक संबंध तनावपूर्ण हैं।
बाइडेन प्रशासन की अप्रवासी नीति पर असर
जो बाइडेन ने 2022 में वेनेज़ुएला के अप्रवासियों के लिए पैरोल एंट्री प्रोग्राम शुरू किया था।
*2023 में इसे बढ़ाकर क्यूबा, हैती और निकारागुआ के अप्रवासियों को भी शामिल किया गया।
*इस नीति के तहत, अप्रवासियों को दो साल की पैरोल दी गई थी, जिससे वे अमेरिका में कानूनी रूप से रह और काम कर सकते थे।
*हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने इन नीतियों को कानूनी उल्लंघन मानते हुए इसे पूरी तरह समाप्त कर दिया।
ट्रंप प्रशासन के फैसले के संभावित प्रभाव
- 530,000 अप्रवासियों को अमेरिका छोड़ना पड़ सकता है।
- जो अप्रवासी 2022-23 में अमेरिका आए थे, वे अब निर्वासन का सामना कर सकते हैं।
- अमेरिका में अप्रवासी नीति को लेकर राजनीतिक बहस और बढ़ेगी।
- क्यूबा, हैती, निकारागुआ और वेनेज़ुएला के अप्रवासी अब अन्य विकल्पों की तलाश करेंगे।
क्या आगे हो सकता है?
ट्रंप प्रशासन के इस कठोर फैसले से लाखों अप्रवासियों का भविष्य अनिश्चितता में पड़ गया है।
- अमेरिकी राजनीतिक गलियारों में अप्रवासी नीति को लेकर लगातार बहस जारी है।
- ट्रंप प्रशासन अवैध प्रवास को रोकने के लिए और भी सख्त कदम उठा सकता है।
- अप्रवासी समुदायों में आशंका और तनाव बढ़ गया है, क्योंकि वे अब अपने नए कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।
निष्कर्ष
ट्रंप प्रशासन का यह निर्णय अमेरिका की अप्रवासी नीति में बड़ा बदलाव है, जो लाखों प्रवासियों के लिए कठिनाइयां खड़ी कर सकता है। जहां एक ओर सरकार इसे अवैध प्रवास रोकने की दिशा में अहम कदम बता रही है, वहीं दूसरी ओर इस फैसले की आलोचना भी हो रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में अमेरिका की प्रवासी नीतियों में और क्या बदलाव होते हैं।
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