नीमच में भ्रष्टाचार के खिलाफ अनोखा विरोध: 7 साल से शिकायत कर रहे व्यक्ति ने सड़क पर लोटते हुए किया प्रदर्शन
मध्य प्रदेश के नीमच जिले में एक व्यक्ति ने भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध का अनोखा तरीका अपनाया। मंगलवार को मुकेश प्रजापति नामक व्यक्ति, जो सिंगोली तहसील के काकरिया तलई गांव के निवासी हैं, जिला प्रशासन कार्यालय पहुंचा। उसने अपनी शिकायतों के कागजों की माला पहनी और जमीन पर लोटने लगा। इतना ही नहीं, उसने अपने सिर पर अपनी चप्पलें भी रख लीं और अधिकारियों से कार्रवाई की अपील की।
मुकेश का आरोप है कि पिछले सात वर्षों से वह अपने ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार की शिकायत कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सबूत पेश करने के बावजूद उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने बार-बार कलेक्टर के कार्यालय का दौरा किया, लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगी। इस बार जब उसकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो उसने यह चरम उपाय अपनाया, ताकि उसकी आवाज सुनी जा सके।
कलेक्टर ने की जांच समिति का गठन
मुकेश प्रजापति के इस अनोखे विरोध प्रदर्शन का वीडियो वायरल होने के बाद, नीमच जिला कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने तुरंत एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया। समिति की अध्यक्षता एसडीएम जवद राजेश शाह करेंगे, और उन्हें ग्राम पंचायत काकरिया तलई का दौरा कर तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे शिकायतों को गंभीरता से लें और समय पर उनका समाधान करें। उन्होंने यह भी कहा कि शिकायतकर्ताओं को उनकी शिकायत की स्थिति के बारे में लिखित जानकारी दी जानी चाहिए।
भ्रष्टाचार के आरोपों पर कांग्रेस ने साधा निशाना
मुकेश के इस विरोध प्रदर्शन के बाद राज्य के राजनीतिक माहौल में भी हलचल मच गई। वीडियो वायरल होते ही मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने राज्य में बढ़ते भ्रष्टाचार को लेकर सरकार की आलोचना की और इसे जनता के प्रति असंवेदनशील करार दिया।
कृषि और अन्य योजनाओं पर सरकार की पहल
इस बीच, राज्य सरकार ने किसानों के लिए ‘पीएम किसान समृद्धि केंद्र’ की स्थापना की घोषणा की है, जो हर ग्राम पंचायत में किसानों को आवश्यक कृषि संसाधन प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस योजना की घोषणा की, जिसका उद्देश्य किसानों को सहकारी और सिंचाई परियोजनाओं के माध्यम से समर्थन देना है।
न्याय की प्रतीक्षा में ग्रामीण
मुकेश प्रजापति का यह अनोखा विरोध प्रदर्शन भ्रष्टाचार के खिलाफ उसकी सात साल की लड़ाई को दर्शाता है। हालांकि प्रशासन ने अब एक समिति का गठन किया है, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या उसे इस बार न्याय मिलेगा या फिर उसे और इंतजार करना पड़ेगा। राज्य में भ्रष्टाचार के मामलों में बढ़ोतरी के आरोपों और प्रशासन की लचर कार्यशैली को देखते हुए यह घटना राज्य की शासन व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है।
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