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अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप के ‘बर्थ सिटिजनशिप बैन’ ऑर्डर पर लगाई रोक, 15 मई को होगी सुनवाई

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ा झटका लगा है। अमेरिकी सर्वोच्च न्यायालय ने ट्रंप द्वारा जन्म आधारित नागरिकता (Birth-Based Citizenship) खत्म करने के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है। कोर्ट ने इस आदेश पर तत्काल प्रभाव से अमल रोकते हुए 15 मई को इस मुद्दे पर सुनवाई तय की है।

सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल नहीं दिया संवैधानिकता पर फैसला
कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि वह अभी यह तय नहीं करेगा कि ट्रंप का यह आदेश संविधान के अनुरूप है या नहीं। फिलहाल, सर्वोच्च अदालत उस तकनीकी पहलू पर सुनवाई करेगी जो भविष्य में गहरा प्रभाव डाल सकता है—क्या अमेरिका की निचली अदालतों के जजों को पूरे देश में राष्ट्रपति की नीतियों को रोकने का अधिकार है या नहीं?

निचली अदालतों ने दी थी ट्रंप आदेश पर रोक
अमेरिका की तीन अलग-अलग संघीय अदालतों ने ट्रंप प्रशासन के उस आदेश पर रोक लगाने का फैसला सुनाया था, जिसमें कहा गया था कि अमेरिका में जन्मे उन बच्चों को नागरिकता नहीं दी जाएगी, जिनके माता-पिता अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे हैं या जिनके पास अस्थायी वीजा है।

न्यायाधीशों का कहना था कि यह आदेश अमेरिका के संविधान के 14वें संशोधन का सीधा उल्लंघन है, जो स्पष्ट रूप से अमेरिका में जन्मे लगभग सभी लोगों को नागरिकता का अधिकार देता है।

ट्रंप प्रशासन की आपात अपील
ट्रंप सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आपात अपील दाखिल करते हुए मांग की थी कि इन निषेधाज्ञाओं को या तो पूरी तरह से हटा दिया जाए या इनकी सीमा केवल संबंधित क्षेत्राधिकार तक सीमित कर दी जाए। सरकार का तर्क था कि निचली अदालतों के जजों को पूरे देश में किसी नीति पर रोक लगाने का अधिकार नहीं होना चाहिए।

कोर्ट ने दी सुनवाई की तारीख, अहम सवाल पर होगी बहस
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 15 मई को सुनवाई की तारीख तय की है। यह सुनवाई खास तौर पर इस प्रश्न पर केंद्रित होगी कि क्या जिला अदालतों के जज पूरे अमेरिका में लागू होने वाले आदेश दे सकते हैं या नहीं। अदालतों के लिए आपात अपीलों पर खुली सुनवाई तय करना दुर्लभ है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कोर्ट ट्रंप प्रशासन की आपत्ति को गंभीरता से ले रहा है।

ट्रंप का आदेश और उसका प्रभाव
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही एक नया आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया कि अमेरिका में जन्म लेने वाले उन बच्चों को नागरिकता नहीं मिलेगी, जिनके माता-पिता अमेरिका में गैर-कानूनी रूप से रह रहे हैं या जिनके पास वैध स्थायी दस्तावेज नहीं हैं।

हालांकि, कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह आदेश अमेरिका के संविधान के 14वें संशोधन और सुप्रीम कोर्ट के पूर्ववर्ती फैसलों के खिलाफ है। 14वां संशोधन यह कहता है कि जो कोई अमेरिका में जन्मा है और अमेरिकी कानून के अधीन है, वह अमेरिकी नागरिक है।

निष्कर्ष
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने ट्रंप प्रशासन की नागरिकता नीति पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है, लेकिन मई में होने वाली सुनवाई से इस विवाद का भविष्य तय होगा। अगर कोर्ट ट्रंप प्रशासन के पक्ष में फैसला देता है, तो इससे सरकार को कुछ राज्यों में अपनी नागरिकता नीति लागू करने का रास्ता मिल सकता है। वहीं, अगर कोर्ट इस आदेश को संविधान-विरोधी मानता है, तो यह ट्रंप के लिए बड़ा राजनीतिक और कानूनी झटका साबित होगा।

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