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विनेश फोगाट: संघर्ष से सफलता की कहानी, पेरिस ओलंपिक में इतिहास रचने की तैयारी

भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट ने 2024 के पेरिस ओलंपिक में 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल भार कैटेगिरी के फाइनल में जगह बना ली है। इस फाइनल मुकाबले में विनेश की भिड़ंत युनाइटेड स्टेट्स की सारा हिल्डेब्रांट से होगी। विनेश फोगाट के लिए पेरिस ओलंपिक तक का सफर बेहद चुनौतीपूर्ण और कठिनाइयों से भरा रहा है। चोट, सर्जरी और आंदोलन जैसी मुश्किलों का सामना करते हुए उन्होंने इस मुकाम तक पहुंचने का साहसिक प्रयास किया है।

वजन वर्ग में बदलाव और इंजरी का संघर्ष

विनेश को अपने वजन वर्ग में बदलाव करना पड़ा। वह 53 किलोग्राम कैटेगिरी में खेलती थीं, लेकिन पेरिस ओलंपिक में उन्होंने 50 किलोग्राम कैटेगिरी में प्रतिस्पर्धा की। ओलंपिक क्वालिफायर से पहले ट्रायल मुकाबले के दौरान उन्हें घुटने की सर्जरी करवानी पड़ी, जिसने उनके लिए पेरिस ओलंपिक की राह को और कठिन बना दिया। सर्जरी के बाद पुनः स्वस्थ होना और अपनी पुरानी फॉर्म में वापस आना उनके लिए एक बड़ी चुनौती थी।

आंदोलन के दौरान की मुश्किलें

भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे, जिसके कारण देशभर में जमकर विरोध प्रदर्शन हुए। इन आंदोलनों में कई दिग्गज और स्टार पहलवान शामिल रहे, जिनमें विनेश फोगाट भी प्रमुख रूप से शामिल थीं। आंदोलन के दौरान विनेश को अभ्यास करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जिससे उनकी ओलंपिक की तैयारी पर भी असर पड़ा।

चोट से वापसी की प्रेरणादायक कहानी

विनेश फोगाट ने 2016 के रियो ओलंपिक में अपना ओलंपिक डेब्यू किया था, लेकिन घुटने की चोट के चलते उनका मेडल जीतने का सपना अधूरा रह गया। इस चोट के बाद उनके करियर को खत्म माना जा रहा था, लेकिन विनेश ने हार नहीं मानी। उन्होंने चोट से उबरने के बाद अपने खेल में वापसी की और लगातार मेहनत और समर्पण से फिर से अपनी पहचान बनाई।

गोल्ड जीतने की ओर एक कदम

विनेश फोगाट अब पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल से सिर्फ एक कदम दूर हैं। उनका यह सफर उन सभी खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है जो कठिनाइयों का सामना करते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं। विनेश ने अपने दृढ़ संकल्प, मेहनत और साहस से साबित किया है कि असली जीत उन्हीं की होती है जो संघर्ष से पीछे नहीं हटते।

विनेश फोगाट की इस अद्भुत यात्रा ने न केवल भारत को गर्वित किया है, बल्कि उन सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी है जो अपने सपनों को साकार करने के लिए संघर्षरत हैं। पेरिस ओलंपिक का फाइनल मुकाबला एक नई उम्मीद और आत्मविश्वास के साथ विनेश के लिए एक नया अध्याय खोलने जा रहा है।

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