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नागपुर में हिंसा: औरंगजेब की कब्र विवाद के बाद भड़की झड़प, कर्फ्यू लागू, 40 गिरफ्तार

महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार शाम को दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हो गई, जिसमें पथराव, आगजनी और पुलिस पर हमले जैसी घटनाएं हुईं। इस दौरान कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया। हिंसा के कारण डीसीपी समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालात को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है। पुलिस ने अब तक 40 उपद्रवियों को हिरासत में लिया है।

कैसे भड़की हिंसा?

नागपुर के महाल इलाके में सोमवार शाम 7:30 बजे हिंसा भड़क उठी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह अफवाह फैली कि वीएचपी-बजरंग दल द्वारा औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए किए जा रहे आंदोलन के दौरान मुस्लिम समुदाय की पवित्र पुस्तक को जला दिया गया। हालाँकि, बजरंग दल ने इस आरोप का खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने केवल औरंगजेब का पुतला जलाया था।

इस झड़प में डीसीपी निकेतन पर कुल्हाड़ी से हमला हुआ, जबकि छह अन्य लोग और पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए।

देर रात तक जारी रही हिंसा, कई गाड़ियों में तोड़फोड़

  • रात 10:30 से 11:30 बजे के बीच ओल्ड भंडारा रोड के पास हंसपुरी इलाके में एक और झड़प हुई।
  • भीड़ ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया और घरों तथा एक क्लीनिक में तोड़फोड़ की।
  • स्थानीय निवासी शरद गुप्ता (50) ने बताया कि पुलिस हिंसा के एक घंटे बाद पहुंची।
  • गुस्साए लोगों ने तत्काल पुलिस कार्रवाई की मांग की।

40 उपद्रवी गिरफ्तार, पुलिस की सख्ती जारी

हिंसा रोकने और आरोपियों को पकड़ने के लिए नागपुर ग्रामीण पुलिस को भी बुलाया गया।

  • साइबर पुलिस अफवाहों को रोकने के लिए सक्रिय है।
  • वायरल वीडियो और सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद 40 उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया।

सीएम फडणवीस बोले – नागपुर की शांति भंग करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शांति बनाए रखने की अपील की और कहा:

“नागपुर के महाल इलाके में जो कुछ हुआ, वह निंदनीय है। पुलिस पर पत्थरबाजी पूरी तरह गलत है। मैंने पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। जो भी दंगा करेगा या तनाव फैलाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

नितिन गडकरी की अपील – अफवाहों पर ध्यान न दें

केंद्रीय मंत्री और नागपुर सांसद नितिन गडकरी ने कहा:

“नागपुर शहर हमेशा शांति और सौहार्द्र बनाए रखने के लिए जाना जाता है। मैं सभी से आग्रह करता हूँ कि वे किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें। कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें।”

एकनाथ शिंदे – औरंगजेब के समर्थक हमारे दुश्मन

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने हिंसा के आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही।
उन्होंने कहा:

“जो लोग औरंगजेब का समर्थन कर रहे हैं, वे हमारे दुश्मन हैं। यह पूरी प्लानिंग के तहत किया गया है। हम ऐसे लोगों को नहीं छोड़ेंगे।”

चंद्रशेखर बावनकुले – शांति बहाल करना हमारी प्राथमिकता

महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख और मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा:

“हमारी प्राथमिकता समाज में शांति बहाल करना है। पुलिस शांति बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। नागपुर के लोगों से अपील है कि वे अफवाहों से बचें और पुलिस प्रशासन का साथ दें।”

अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष बोले – बाहरी असामाजिक तत्वों का हाथ

महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान ने घटना पर दुख जताते हुए कहा:

“रामनवमी के दौरान हिंदू-मुस्लिम एक-दूसरे का स्वागत करते हैं। यहां हर धर्म के लोग मिलकर रहते हैं। हिंसा में शामिल लोग नागपुर के नहीं हैं, बल्कि बाहर से आए असामाजिक तत्व हैं।”

कांग्रेस का बीजेपी पर आरोप – राजनीतिक लाभ के लिए फैलाई हिंसा

महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने नागपुर हिंसा को गृह विभाग की विफलता करार दिया। उन्होंने कहा:

“राज्य सरकार लोगों का ध्यान महंगाई और बेरोजगारी से हटाने के लिए इस तरह की घटनाओं को बढ़ावा दे रही है। नागपुर की गंगा-जमुनी तहजीब को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।”

नागपुर पुलिस कमिश्नर – स्थिति नियंत्रण में, कर्फ्यू जारी

नागपुर पुलिस कमिश्नर डॉ. रविंदर सिंघल ने कहा:

“स्थिति अब नियंत्रण में है। हिंसा के बाद हमने तुरंत FIR दर्ज की और जांच शुरू की। पुलिस ने उपद्रवियों को पहचानने के लिए तलाशी अभियान चलाया है। पूरे इलाके में कर्फ्यू लागू है और अगले आदेश तक जारी रहेगा।”

नागपुर शहर के इन इलाकों में कर्फ्यू लागू:

  • कोतवाली
  • गणेशपेठ
  • लकड़गंज
  • पचपावली
  • शांतिनगर
  • सक्करदरा
  • नंदनवन
  • इमामवाड़ा
  • यशोधरा नगर
  • कपिल नगर

निष्कर्ष: नागपुर में शांति बनाए रखने की अपील

नागपुर की हिंसा ने शहर की शांति और सौहार्द्र को प्रभावित किया है। प्रशासन और पुलिस अफवाहों पर लगाम लगाने और दोषियों को सजा देने के लिए सख्त कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री, मंत्री, पुलिस अधिकारी और सामाजिक संगठनों ने नागरिकों से शांति बनाए रखने और अफवाहों से बचने की अपील की है।

सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे किसी भी भ्रामक जानकारी पर विश्वास न करें और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासन की मदद करें।

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