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बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन: 6 की मौत, 400 से ज्यादा घायल

बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर विवाद ने एक गंभीर रूप ले लिया है। आरक्षण के खिलाफ हो रहे विरोध-प्रदर्शन के दौरान कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई है और 400 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। हजारों छात्र सड़कों पर उतरकर आरक्षण खत्म करने की मांग कर रहे हैं। यह विरोध-प्रदर्शन अब हिंसक रूप ले चुका है।

कैसे शुरू हुआ विरोध?

ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, यह आंदोलन बुधवार शाम ढाका में शुरू हुआ था। छात्रों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई, जिसमें एक बच्चे समेत 6 लोगों को गोली लगने से उनकी मौत हो गई। इसके बाद छात्रों ने गुरुवार को देशव्यापी बंद का आह्वान किया, जिसमें सिर्फ हॉस्पिटल और इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर सभी चीजें बंद रखने की मांग की गई। छात्र नेताओं ने कहा कि इस दौरान सिर्फ एम्बुलेंस सेवाओं को ही सड़कों पर निकलने की अनुमति होगी।

विरोध का कारण

बांग्लादेश में यह विरोध 1971 के युद्ध में लड़ने वाले सैनिकों के बच्चों के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण को खत्म करने की मांग को लेकर हो रहा है। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, एक हफ्ते पहले बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने इस आरक्षण पर रोक लगा दी थी, लेकिन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इसे लागू नहीं होने दिया। बांग्लादेश में 30% नौकरियों को वॉर हीरो के बच्चों के लिए रिजर्व रखा गया है। छात्र इस आरक्षण को खत्म कर मेरिट के आधार पर नौकरियों की मांग कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हिंसा में लोगों के मारे जाने पर गहरा खेद जताया और कहा कि इस मामले में एक न्यायिक जांच समिति गठित की जाएगी। उन्होंने कहा कि इन छात्रों को कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा भड़काया गया है और छात्रों से अपील की कि वे उपद्रवियों को स्थिति का फायदा उठाने का मौका न दें।

शेख हसीना ने कहा, “यह फैसला मेरे हाथों में है और हमने इसे अभी लागू नहीं होने दिया।” उन्होंने छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की और स्वार्थी तत्वों द्वारा भड़काए जाने से बचने की सलाह दी।

आगे की स्थिति

छात्र नेताओं ने घोषणा की है कि गुरुवार को देशव्यापी बंद रहेगा और सभी चीजें, सिवाय हॉस्पिटल और इमरजेंसी सेवाओं के, बंद रहेंगी। इसके साथ ही छात्रों ने सुरक्षा बलों की कार्रवाई का जवाब देने के लिए गुरुवार को भी प्रदर्शन जारी रखने की चेतावनी दी है।

इस हिंसक आंदोलन ने बांग्लादेश में आरक्षण की नीति पर एक गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है और इसे लेकर सरकार को अब नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। छात्रों की यह मांग और आंदोलन देश की राजनीति और सामाजिक संरचना पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।

यह लेख बांग्लादेश में हो रहे आरक्षण के विरोध प्रदर्शन की ताज़ा स्थिति पर आधारित है, जहां छात्रों ने आरक्षण को खत्म करने की मांग की है और सरकार द्वारा इस मुद्दे को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं, यह बताया गया है।

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