जोमैटो ने ब्लिंकिट में 500 करोड़ रुपये का निवेश किया, अब तक 2,800 करोड़ का निवेश

ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो (Zomato) ने अपने क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म ब्लिंकिट में 500 करोड़ रुपये का निवेश किया है। रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) के साथ की गई नियामक फाइलिंग से इस निवेश की जानकारी सामने आई है। यह निवेश नवंबर में क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) के जरिए 8,500 करोड़ रुपये जुटाने के बाद किया गया है। अगस्त 2022 में ब्लिंकिट का अधिग्रहण करने के बाद से जोमैटो अब तक इसमें कुल 2,800 करोड़ रुपये का निवेश कर चुका है।
क्विक कॉमर्स में बढ़ती प्रतिस्पर्धा
जोमैटो ने 2022 में ब्लिंकिट (पूर्व में ग्रोफर्स) को 4,477 करोड़ रुपये में ऑल-स्टॉक डील के तहत खरीदा था। इसके बाद से क्विक कॉमर्स के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा तेज हो गई है। हाल ही में ब्लिंकिट ने बिस्ट्रो (Bistro) नाम से 10 मिनट फूड डिलीवरी ऐप लॉन्च किया है। इस प्लेटफॉर्म का मुकाबला स्विगी के स्नैक और जेप्टो कैफे से होगा।
रेवेन्यू में दोगुनी वृद्धि लेकिन घाटा बरकरार
फाइनेंशियल ईयर 2024-25 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में ब्लिंकिट ने अपने रेवेन्यू में दोगुनी से भी अधिक वृद्धि दर्ज की। यह रेवेन्यू 1,156 करोड़ रुपये रहा, जो साल-दर-साल 129 फीसदी की बढ़ोतरी को दर्शाता है। हालांकि, इस दौरान कंपनी को 8 करोड़ रुपये का एबिटा लॉस भी हुआ। पिछले साल की समान तिमाही में ब्लिंकिट को 125 करोड़ रुपये का परिचालन घाटा हुआ था।
यूनिकॉर्न बनने की कहानी
ब्लिंकिट 2022 में पूरी तरह से जोमैटो का हिस्सा बनने से पहले ही यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल कर चुका था। जून 2021 में, ब्लिंकिट ने जोमैटो और टाइगर ग्लोबल से 120 मिलियन डॉलर जुटाए थे, जिससे इसकी वैल्यू एक बिलियन डॉलर से अधिक हो गई और यह यूनिकॉर्न बन गया।
मार्च 2022 में ब्लिंकिट ने कन्वर्टिबल नोट्स के जरिए जोमैटो से 100 मिलियन डॉलर जुटाए। इसके अलावा, जोमैटो ने ब्लिंकिट को 150 मिलियन डॉलर का लोन भी दिया, जिसे बाद में कंपनी ने अधिग्रहण कर लिया।
जोमैटो की रणनीति और भविष्य
जोमैटो का ब्लिंकिट में यह निवेश स्पष्ट रूप से तेजी से बढ़ रहे क्विक कॉमर्स मार्केट में अपनी स्थिति मजबूत करने का संकेत है। बिस्ट्रो जैसे नए प्लेटफॉर्म लॉन्च करना और प्रतिस्पर्धियों को चुनौती देना जोमैटो की आक्रामक व्यापार नीति को दर्शाता है।
ब्लिंकिट का रेवेन्यू बढ़ना इस बात का संकेत है कि बाजार में इसकी मांग बढ़ रही है, लेकिन एबिटा लॉस दर्शाता है कि अभी इसे लाभदायक बनने के लिए और सुधार की आवश्यकता है। इस क्षेत्र में जोमैटो के बड़े निवेश से यह साफ है कि कंपनी इस मार्केट में अपनी पकड़ और विस्तार को लेकर गंभीर है।
जोमैटो और ब्लिंकिट का यह गठजोड़ क्विक कॉमर्स के क्षेत्र में एक नई दिशा की ओर इशारा करता है। हालांकि, लाभप्रदता हासिल करने के लिए कंपनी को अपनी रणनीति को और अधिक मजबूत करना होगा। आने वाले समय में इस प्रतिस्पर्धा भरे बाजार में जोमैटो और ब्लिंकिट की अगली चाल देखने योग्य होगी।
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