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चंद्रयान-3 की दूसरी डीबूस्टिंग आज, चांद से बस 25 KM दूर, 23 अगस्त की शाम को होगी सॉफ्ट लैंडिंग

ई दिल्ली: चंद्रयान-3 धीरे-धीरे चांद के करीब पहुंचता जा रहा है, महज कुछ घंटों का इंतजार और बाकी है फिर उसके बाद सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी। अब वह 25 km x 135 km की ऑर्बिट में है। पहले वह 113 km x 157 km की ऑर्बिट में था। यानी अब चांद की सतह से विक्रम लैंडर की दूरी 25 किलोमीटर ही बची है।

वहीं दूसरी तरफ रूस का लूना-25 मून मिशन तकनीकी गड़बड़ी की वजह से रास्ते से भटक गया है। रूसी स्पेस एजेंसी उससे संपर्क स्थापित करने का प्रयास कर रही है। अगर रूस के मिशन में तकनीकी खराबी आती है तो चंद्रयान-3 से पहले चांद की सतह पर लैंडिंग नहीं कर पाएगा।

चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने 17 अगस्त 2023 को प्रोपल्शन मॉड्यूल को छोड़ दिया था। खुद आगे चल रहा था, दूसरा रास्ता पकड़ लिया था। इसी रास्ते से वह चांद के और नजदीक पहुंच गया है। 18 अगस्त की दोपहर से पहले विक्रम लैंडर और प्रोपल्शन मॉड्यूल 153 km x 163 km की ऑर्बिट थे। लेकिन करीब 4 बजे दोनों के रास्ते बदल गए।

इस समय विक्रम लैंडर उल्टी दिशा में घूम रहा है। यानी रेट्रोफायरिंग कर रहा है। विक्रम लैंडर अब अपनी हाइट कम करने के साथ-साथ अपनी स्पीड भी कम कर रहा है। पहले से ही तैयारी ये थी कि 20 अगस्त की रात होने वाली डीबूस्टिंग के बाद विक्रम लैंडर चंद्रमा से सिर्फ 24 से 30 km की दूरी तक पहुंच जाए।

चांद के चारों तरफ चंद्रयान-3 का आखिरी ऑर्बिट मैन्यूवर 16 अगस्त 2023 को किया गया था। जब लॉन्चिंग हुई थी, तब इसरो प्रमुख डॉ. एस. सोमनाथ ने कहा था कि चंद्रयान-3 को 100 किलोमीटर वाली गोलाकार ऑर्बिट में लाएंगे। उसके बाद प्रोपल्शन और विक्रम लैंडर मॉड्यूल अलग होंगे। लेकिन इस बार ऐसा हुआ नहीं।

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