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हॉस्टल रूम पर भी पड़ेगा जीएसटी का असर, 12 पर्सेंट GST के साथ पे करना पड़ेगा किराया

त्तराखंड: अपने सपनों को पूरा करने के लिए उत्तराखंड में पढ़ रहे छात्रों की जेब पर अब बड़ा असर पड़ने वाला है। यूनिवर्सिटी, इंस्टीट्यूट और हॉस्टल्स में रूम के लिए उन्हें 12 पर्सेंट जीएसटी का भुगतान करना पड़ेगा। पहले ₹1000 से कम के दायरे में आने वाले रूम्स को जीएसटी भुगतान से बाहर रखा गया था पर अब सभी कमरों पर जीएसटी की दर को लगा दिया गया है।

इसे लेकर स्टेट टैक्स डिपार्टमेंट ने पूरे उत्तराखंड के यूनिवर्सिटी और इंस्टिट्यूट का सर्वे शुरू कर दिया है। एकोमोडेशन सर्विस जिसमें होटल और हॉस्टल जैसी सर्विसेज अवेलेबल की जाती हैं, वो सब अब जीएसटी के दायरे में आती हैं। इस बार जीएसटी दरों में बदलाव किया गया है और अब हजार रुपये से कम वाले रूम्स पर भी जीएसटी देना पड़ेगा।

स्टेट में कई ऐसे एजुकेशनल इंस्टिट्यूट्स जो स्टूडेंट्स को लग्जरी प्राइवेट हॉस्टल्स प्रोवाइड करते हैं। इस लग्जरी फैसिलिटी के बदले में वह स्टूडेंट्स से अच्छी खासी रकम भी लेते हैं मगर जीएसटी नहीं भरते। ऐसे हॉस्टल्स पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है, जिससे अब हॉस्टल्स जीएसटी भरने में कोई चोरी नहीं कर पाएगा। सरकार के इस डिसीजन से पैरेंट्स और स्टूडेंट्स की जेब पर काफी असर पड़ने वाला है। ऐसे हॉस्टल्स जिनका एनुअल टर्नओवर 20‌ लाख से अधिक है पर अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ था, अब उन्हें भी लाइसेंस लेना पड़ेगा।

स्टेट ने इस फैसले पर संज्ञान लेते हुए सर्वे शुरू कर दिया है। इसके तहत ऐसे बड़े इंस्टीट्यूशंस जो खुद या थर्ड पार्टी द्वारा हॉस्टल चला रहे हैं, उनसे स्टूडेंट्स नंबर, हॉस्टल फीस और जीएसटी नंबर का विवरण जुटाया जा रहा है। उत्तराखंड में कई ऐसे घर भी हैं जो होम स्टे चला रहे हैं। ज्यादातर होम स्टे बुकिंग के लिए ऑनलाइन वेबसाइट या ऐप से जुड़े हैं, जिसके लिए उन्होंने जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराया है। होम स्टे की फैसिलिटी प्रोवाइड करने वाले घरों को भी अब जीएसटी दर पे करना पड़ेगा। स्टूडेंट्स को प्रोवाइड किए गए हॉस्टल्स और रूम के मालिक को 12 पर्सेंट जीएसटी का भुगतान करना पड़ेगा।

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